
बरेली। कभी उत्तराखंड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाला बारहवीं फेल शख्स बरेली के प्रेमनगर क्षेत्र में ठगी की दुकान खोलकर बैठ गया। वह इंटेलिजेंस नेटवर्क चलाकर व खुद को उसका निदेशक बताकर पुलिस के रंग का आईकार्ड लोगों को बांट रहा था। धोखाधड़ी में पुलिस ने नटवरलाल को उसके दफ्तर से गिरफ्तार कर लिया। सोमवार को उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस ने उसके खिलाफ प्रेमनगर थाने में मामला दर्ज कराया है।
एसपी सिटी के पास आई गोपनीय शिकायत की सूचना पर सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव और प्रेमनगर थाना प्रभारी आशुतोष सोलंकी ने सोमवार को पुलिस टीम के साथ पटेलनगर में छापा मारा। वहां विजय मैसी नाम का एक व्यक्ति कोवर्ट इंटेलीजेंट नेटवर्क सोशल वेलफेयर एसोसिएशन का कार्यालय खोलकर बैठा था। खुद को इंटेलिजेंस नेटवर्क का निदेशक बता रहा था। पुलिस ने दफ्तर से पुलिस कलर के आईकार्ड, अन्य विभागों के कार्ड, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के नियुक्ति पत्र व आवेदन पत्र, बरेली व रुद्रपुर डीएम के नाम तीन लिफाफे, पैनड्राइव आदि सामान बरामद किया। पुलिस कलर की पट्टी पर डायरेक्टर लिखी कार भी सीज की गई है।
विजय मैसी अपने इंटेलिजेंस नेटवर्क का कार्ड पुलिस के रंग में बनाकर लोगों को देता था और संस्था की सदस्यता के बदले रुपये वसूलता था। कार्ड लेकर घूमने वाले लोग खुद को इंटेलिजेंस नेटवर्क का सदस्य बताकर टोल में छूट लेते थे। पुलिस चेकिंग से भी बच निकलते थे। पीड़ित लोगों से मदद के नाम पर रुपये वसूलकर अपना लेटर भेजकर उनकी शिकायत निस्तारण कराने का प्रयास करते थे।
लोगों को ऋण दिलवाने का काम भी करते थे। नौकरी लगवाने का झांसा देते थे। अधिकारियों के पास पत्र भेजकर गलत काम करने का दबाव बनाते थे। विजय मैसी ने बताया कि वह उत्तराखंड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करता था। इसी दौरान दौरान उसने यह तरकीब सीखी थी। पुलिस विजय मैसी के नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश कर रही है। एसपी सिटी मानुष पारीक ने बताया कि एक व्यक्ति खुद को विजय मैसी इंटेलिजेंस एजेंसी का निदेशक बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था। उसके बारे में गोपनीय शिकायत मिली थी। जांच में आरोप सही साबित हुए। उसे रिपोर्ट लिखकर जेल भेजा गया है।