
देहरादून| श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय की ओर से प्राइवेट कॉलेजों को मान्यता देने की प्रक्रिया सवालों के घेरे में है, जिससे हजारों बच्चों का भविष्य जुड़ा है। दरअसल, एक प्राइवेट कॉलेज ने एक आरटीआई पर सुनवाई के चलते राज्य सूचना आयोग के सामने हैरान करने वाला खुलासा किया है। जिसके मुताबिक उन्हें छह साल से श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय ने मान्यता पत्र जारी नहीं किया है।
इस पर आयोग ने पूछा है कि जब मान्यता नहीं तो कॉलेज में किस आधार पर दाखिले हुए, कैसे छात्रों को डिग्री या डिप्लोमा जारी हुआ?अब, ये सवाल कई निजी कॉलेज के हजारों बच्चों के भविष्य के सामने खड़ा है। आशंका है कि ऐसे तमाम कॉलेज हो सकते हैं। मामले जिसकी गंभीरता को देखते हुए राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने विश्वविद्यालय से सम्बद्ध सभी निजी कॉलेज व संस्थानों की मान्यता एवं सम्बद्धता के बारे में विस्तृत आख्या मांगी है।
इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव को आदेश जारी किया है कि अगली तारीख तक स्पष्ट करें कि उन्होंने कितने कॉलेज और संस्थानों को साल 2019 के बाद से किन-किन पाठ्यक्रम के लिए संबद्धता प्रदान की है।
यह भी बताना होगा कि 2019 के बाद से उन कॉलेजों या संस्थानों ने कितने छात्रों को किन-किन विषयों में डिग्री या डिप्लोमा दिए हैं। इस आदेश की प्रति विश्वविद्यालय कुलपति को भी भेजने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई 28 मार्च को होगी।