
कानपुर। पापा रात को दारू पीकर आए। छत पर बैठकर फिर से दारू पी और मम्मी से झगड़ा किया। इसके बाद मम्मी को छत से नीचे धक्का दे दिया। मम्मी जमीन पर गिरने के बाद मर गईं। यह बयान छह साल की मासूम बेटी ने कोर्ट में दिए। इस आधार पर अपर जिला जज प्रथम सुदामा प्रसाद ने दहेज हत्यारे पिता को उम्रकैद और दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। चौबेपुर के ग्राम खुजकीपुर निवासी कुशल तिवारी का विवाह 16 फरवरी 2017 को राकेश त्रिवेदी की बेटी वंदना से हुआ था। वर्ष 2018 में उन्हें एक बेटी पैदा हुई। 29 जून 2022 को राकेश को सूचना मिली कि वंदना को चोट लग गई है।
जब वह हैलट पहुंचे तो वंदना की मौत हो चुकी थी। राकेश ने पनकी थाने में कुशल के खिलाफ दहेजहत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया था कि राकेश दहेज के लिए वंदना को मारता-पीटता था। कई बार मांग पूरी की, लेकिन 20 हजार रुपये न दे पाने के कारण राकेश ने वंदना की हत्या कर दी। एडीजीसी प्रदीप कुमार साहू ने बताया कि कुशल के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट भेजी गई थी। अभियोजन की ओर से वंदना के माता-पिता व छह साल की मासूम बेटी समेत नौ गवाह कोर्ट में पेश किए गए। सबूतों और गवाहों के आधार पर कोर्ट ने कुशल को दहेज हत्या का दोषी मानकर सजा सुनाई।
पति ने अपने बचाव के लिए मकान मालिक उमाकांत अग्रिहोत्री को कोर्ट में बतौर गवाह पेश किया था। उमाकांत ने गवाही में कहा था कि घटना के समय वह घर पर सो रहा था। शोर सुनकर मौके पर पहुंचा तब अभियुक्त मृतका को घटनास्थल से उठाकर ले जा रहा था। कोर्ट ने माना कि गवाह को जो भी जानकारी हुईए वह अभियुक्त ने उसे दी, उसने खुद घटना को नहीं देखा। गवाह का कहना था कि उसने पति-पत्नी के बीच कभी झगड़ा होते नहीं देखा और न ही सुना। इस पर कोर्ट ने माना कि लोकलाज के भय के कारण सामान्यत: पारिवारिक विवाद घर की चहारदीवारी के अंदर होते हैंए इसलिए सबको इसकी जानकारी होना संभव नहीं है।
पति ने अपने बचाव में कोर्ट में दिए बयान में कहा था कि उसकी आर्थिक स्थिति मजबूत थी। पत्नी के पिता ही उससे उधार रुपये मांगते थे, वहीं दूसरी तरफ उसने कहा कि वह 21 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पाता था। 3500 रुपये किराया देता था। बाकी रुपयों से पत्नी-बेटी का खर्च उठाता था। महीने के अंत में मुश्किल से ही कुछ बचत हो पाती थी। पति के बदलते बयान ने उसकी खुद की कहानी को ही झूठा साबित कर दिया।
घटना जून 2022 को हुई। रिपोर्ट दर्ज करते ही अगले दिन पति को जेल भेज दिया गया। विवेचक ने सितंबर 2022 में ही विवेचना पूरी कर चार्जशीट कोर्ट भेज दी थी। कोर्ट ने आरोप तय किए और गवाही शुरू हो गई। अभियोजन की ओर से नौ गवाह तो बचाव पक्ष की ओर से भी छह गवाह कोर्ट में पेश किए गए। अभियुक्त कुशल को जमानत न मिलने के कारण वह लगभग ढाई साल से जेल में ही बंद है। तेजी से अभियोजन कार्यवाही पूरी कराई गई। लगभग सवा दो साल में न्यायिक कार्यवाही पूरी कर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया।