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देहरादून। उत्तराखंड का बजट विधानसभा सत्र के दौरान सदन पटल पर पेश कर दिया गा है। अब सदन पटल पर भू कानून समेत पांच विधेयक रखे जाएंगे। राज्य के बजट पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बजट हमारे संकल्पों को पूरा करने का पूरा विजन प्रस्तुत करता है और यह अर्थव्यवस्था, वित्त और भविष्य की योजनाओं के बारे में हमारी सरकार का रोडमैप भी प्रस्तुत करता है। इस बजट में हमने वेंचर फंड की स्थापना की है, जिसमें रिवर फ्रंट डेवलपमेंट योजना, प्रवासी उत्तराखंड परिषद का गठन, स्मार्ट सिटी के अंतर्गत इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, खेल विश्वविद्यालय की स्थापना, होमगार्ड कल्याण कोष का गठन, पुलिस कर्मियों के प्रोत्साहन के लिए रिवॉल्विंग फंड की स्थापना जैसी कई नई पहल शामिल हैं। गरीब, युवा, किसान और महिला इन चार क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है।
यूसीसी कानून को वापस लेने की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विधानसभा कूच किया। रिस्पना पुल समीप लगे बैरिकेडिंग पर चढ़कर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा कार्यकर्ताओं के साथ प्रदर्शन कर रहे। टिहरी विस्थापित भूमिधारी संघर्ष समिति के सदस्यों ने टिहरी विस्थापितों की मांगों को लेकर विधानसभा कूच किया। रिस्पना पुल समीप पर लगे बैरिकेडिंग के समीप प्रदर्शन किया। एक तरह जहां सदन में बजट पेश किया जा रहा वहीं दूसरी तरफ तमाम संगठन अपनी-अपनी मांगों को लेकर विधानसभा कूच करने पहुंचे हैं।
नई सड़कें बनेंगी
-220 किमी नई सड़कें बनेंगी।
-1000 किमी सड़कों का पुनर्निर्माण,
-1550 किमी मार्ग नवीनीकरण,
-1200 किमी सड़क सुरक्षा कार्य
-37 पुल बनाने का लक्ष्य
मेगा प्रोजेक्ट योजना के तहत 500 करोड़
जमरानी बांध के लिए 625 करोड़।
सौंग बांध के लिए 75 करोड़।
लखवाड़ के लिए 285 करोड़।
राज्यों के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1500 करोड़।
जल जीवन मिशन के लिए 1843 करोड़।
नगर पेयजल के लिए 100 करोड़।
अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए 60 करोड़।
अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों के लिए 08 करोड़ मिलेंगे।
उत्तराखंड बजट: सात बिंदुओं पर फोकस
-कृषि, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, आयुष, कृषि व पर्यटन
-एमएसएमई उद्योगों के लिए 50 करोड़,
-मेगा इंडस्ट्री नीति के लिए 35 करोड़,
-स्टार्टअप उद्यमिता प्रोत्साहन के लिए 30 करोड़ का प्रावधान
-धामी सरकार का एक लाख एक हजार एक सौ 75 करोड़ का बजट
मी सरकार ने एक लाख एक हजार एक सौ 75 करोड़ का बजट पेश किया है। बजट में सात बिंदुओं पर खासतौर पर फोकस किया गया है। कृषि, ऊर्जा, अवसंरचना, संयोजकता, आयुष, कृषि व पर्यटन पर विकास के लिए प्रतिबद्धता। सदन में वित्त मंंत्री प्रेम चंद अग्रवाल बोल रहे हैं। उन्होंने पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के शब्दों को दोहराया। कहा कि राज्य सरलीकरण, समाधान व निस्तारीकरण के मार्ग पर अग्रसरित हैं। बजट हमारे प्रदेश की आर्थिक दिशा और नीतियों का प्रमाण है। बजट लेकर सदन में पहुंचे वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल। साथ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद हैं। वित्त मंत्री ने उत्तराखंड राज्य निर्माण में योगदान देने वाले अमर शहीदों को श्रद्धांजलि दी।
विधायक वीरेंद्र जाती ने सवाल किया कि अपात्र लोगों को सहकारी समितियों का ऋण बांटा गया है। यूपी के लोगों को भी लोन दिए गए, क्या इसकी जांच होगी? इस पर मंत्री धन सिंह ने कहा कि राज्य में 10,33,221 लोगों को हम बिना ब्याज ऋण दे चुके हैं। कॉपरेटिव की नियमावली के हिसाब से ऋण दिया जाता है। अगर कहीं गलत ऋण बांटा गया है तो उसकी जांच कराई जाएगी। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। विधायक वीरेंद्र जाती ने सवाल किया कि राज्य में निजी स्कूलों की फीस निर्धारण नीति कब तक आएगी। इस पर मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 17 हजार सरकारी, 5000 प्राइवेट स्कूल हैं।
राज्य की धारणा है कि यहां की स्कूली शिक्षा बहुत अच्छी है। इस पर मंथन किया गया था, कि फीस निर्धारण करें लेकिन तब देखा गया कि यहां देश और विदेश के कई नामी स्कूल हैं। केंद्र सरकार ने भी ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है।अगर सभी विधायक चाहें कि हमें कोई नीति बनानी चाहिए, तो उस पर विचार किया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में अस्पतालों में सुविधाओं पर किए विपक्ष के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में 2881 डॉक्टरों की पोस्ट हैं, जिनमें से 2581 डॉक्टर कार्यरत हैं। सरकार ने दो बार बैकलॉग के पदों का विज्ञापन जारी किया है। अभी 276 पद भरे जाने हैं। पर्वतीय क्षेत्र में 1896 में से 1182 चिकित्सक हैं। 716 बांडधारी और संविदा पर हैं। बागेश्वर में 107 में से 74 स्थायी, 57 बांडधारी चिकित्सक हैं। 131 हैं। चंपावत में 111 में से 129 डॉक्टर काम कर रहे अल्मोड़ा में 302 पद के सापेक्ष 16 डॉक्टर ज्यादा हैं। पिथौरागढ़ में 174 पद के सापेक्ष 84 स्थायी, 45 बांड वाले मिलाकर 129 काम कर रहे हैं। 16 की कमी है। राज्य में 48 से 50% स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की कमी है। हमने दो साल में 400 से ज्यादा डॉक्टरों को पीजी करने भेजा है। इस कारण जो बच्चा पीजी में गया है, उसकी वजह से रिक्ति हैं। इस साल करीब 40 पीजी डॉक्टर आने वाले हैं। हम 3 साल में 100% पीजी डॉक्टरों की नियुक्ति करने जा रहे हैं। 2025-26 में पिथौरागढ़ में मेडिकल कॉलेज शुरू करने जा रहे हैं।