देहरादून। विशेष न्यायाधीश (पोक्सो) अपर जिला जज अर्चना सागर की अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के आरोपित को दोषी करार देते हुए कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही दोषी पर 15 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न किए जाने पर दोषी को एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
राज्य की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अल्पना थापा ने बताया कि एक व्यक्ति ने रामसरित पर उनकी नाबालिग पुत्री के साथ दुष्कर्म करने की शिकायत दर्ज कराई थी। इस मामले में छह फरवरी 2022 को आरोपित रामसरित के विरुद्ध दुष्कर्म, आपराधिक धमकी व पोक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था।
कोर्ट में दिए बयानों में पीड़ित ने बताया कि वह नौवीं कक्षा में पढ़ती थी, लेकिन कोरोना के दौरान लाकडाउन होने की वजह से वह घर में ही पढ़ाई करती थी। उस समय उसकी उम्र 14 वर्ष थी। वह रामसरित को जानती थी, वह पड़ोस में रहता था और उसके बुआ के बेटे के साथ घर आता जाता रहता था। उसके पिता पुताई का काम करते थे जबकि माता भी नौकरी करती थी। माता-पिता जब दोनों काम पर चले जाते थे तो आरोपित घर पर आकर उसके साथ दुष्कर्म करता था। आरोपित ने उसके साथ कई बार दुष्कर्म किया। रामसरित ने उसकी अश्लील वीडियो भी बनाई थी और उसे लोगों को बताने की धमकी देता था।
पीड़ित की मां ने बताया कि जब वह दोनों पति-पत्नी काम पर चले जाते थे तो आरोपित उनकी अनुपस्थिति में घर पर आता था। कुछ दिनों के बाद बेटी गुमशुम रहने लगी। पूछने पर उसने कुछ नहीं बताया। वह डरी सहमी सी रहने लगी। एक दिन उसे पेट में बहुत ज्यादा दर्द हुआ और उल्टी भी हुई। चेकअप के लिए उसे जब अस्पताल ले जाया गया तो चिकित्सक ने बताया कि उनकी बेटी 14 सप्ताह की गर्भवती है। बेटी को घर लाकर जब पूछा गया तो उसने बताया कि आरोपित रामसरित उसके साथ दुष्कर्म करता था। वह तीन महीने तक लगातार उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। बेटी के भविष्य को देखते हुए उनके पति की ओर से गर्भपात कराने के लिए अदालत में प्रार्थनापत्र दिया गया। अदालत की अनुमति के बाद बेटी का गर्भपात मेडिकल टीम ने किया।