कानपुर। कानपुर में केडीए की जमीनों पर फर्जीवाड़े का एक और खेल सामने आया है। इस बार फिर बारासिरोही में केडीए की करीब 6.67 एकड़ जमीन पर कब्जे का खुलासा हुआ है। करीब एक अरब की जमीन पर काश्तकारों के नाम दर्ज हैं, जबकि केडीए इन जमीनों के बदले मुआवजा दे चुका है। जांच में फर्जीवाड़ा पकड़े जाने के बाद अब इन जमीनों से काश्तकारों के नाम खारिज कर केडीए का नाम दर्ज करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
वर्तमान खतौनी वर्ष में केडीए की जमीन पर अवैध तरीके से निजी काश्तकारों के नाम दर्ज होने की जांच की जा रही है। जोन-2 के विशेष कार्याधिकारी डॉ. रवि प्रताप सिंह की अध्यक्षता में टीम का गठन किया गया है। टीम के सदस्य नायब तहसीलदार मौजीलाल, लेखपाल जगजीवन राम, विशंभर दयाल ने ग्राम बारासिरोही की आराजीवार अभिलेखीय जांच की तो पता गया कि यहां 36 गाटों से जुड़ी जमीन पर निजी काश्तकारों के नाम दर्ज हैं।
डॉ. रवि प्रताप ने बताया कि प्राधिकरण ने अधिवक्ता को नामित करते हुए निर्देशित किया गया है कि तत्काल ऑनलाइन वाद दर्ज कर प्रभावी पैरवी करें और भूमि बैंक की विशेष टीम गठित कर आख्या दें। शिथिलता बरतने वाले कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी। अन्य योजनाओं की जमीनों की जांच की जा रही है। विभाग अपनी जमीन पर दीवार से घेराबंदी भी कर रहा है, ताकि कब्जे होने से बचाया जा सके। यह तीसरा मामला है जब केडीए की जमीनों की खतौनी पर निजी काश्तकारों या सोसाइटी के नाम दर्ज मिले हैं।
इससे पहले पनकी गंगागंज की 1.68 अरब रुपये की 68 जमीनों की खतौनी में भी ऐसे ही फर्जीवाड़ा किया गया था। उससे पहले बारासिरोही व कल्याणपुर खुर्द में भी केडीए अफसरों ने 57.93 करोड़ रुपये की जमीनों का फर्जीवाड़ा पकड़ा था। उन जमीनों में निजी काश्तकारों की मदद से जिन लोगों ने भूखंड खरीदे थे, उनके कागज फर्जी थे। तीनों मामलों को मिलाकर केडीए की करीब तीन अरब से ज्यादा कीमत की जमीन पर कब्जों पर पता चला है।