छतरपुर। छतरपुर नगर पालिका परिषद छतरपुर में एकाउंट सेक्शन में कार्यरत संतोष नामदेव के साथ ऑफिस में मारपीट का मामला सामने आया है। घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है। नगर पालिका के ठेकेदार विकाश चौरसिया ने सोमवार की शाम लगभग 7 बजे चेम्बर मे घुसकर मारपीट की। जहां अब उक्त मामले को प्रभारी CMO द्वारा रफ़ा-दफ़ा किया और दबाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि ऑफिस में घुसकर मारपीट करने वाला आरोपी ठेकेदार विकाश चौरसिया नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति सुरेंद्र चौरसिया और उनके पति सुरेंद्र पप्पू चौरसिया (भाजपा जिला महामंत्री) का रिश्तेदार है।
नगर पालिका में एकाउन्ट सेक्शन में कार्यरत संतोष नामदेव के साथ नगर पालिका के ठेकेदार द्वारा सोमवार शाम लगभग 7 बजे चेम्बर में फाइल निपटाने को लेकर मारपीट की गई है। जिससे एकाउंट सेक्शन के स्टाफ में हड़कंप और दहशत मच गई थी। बताया जा रहा है कि आरोपी ठेकेदार रिपोर्ट न करने वरना बाद में देख लेने की धमकी देकर गया था। वहीं अब मामले में समझौता करने का दवाब बनाया जा रहा है।
एकाउंट सेक्शन के कर्मचारी से ऑफिस में मारपीट हो जाने के बावजूद प्रभारी CMO द्वारा मामले की पुलिस रिपोर्ट न कराने से एकाउन्ट शाखा के सभी आठ कर्मचारी भड़क गए और उन्होंने काम बंद कर दिया। कर्मचारी संतोष नामदेव पर यह दबाव बनाया गया कि पुलिस रिपोर्ट करने पर उसे मूल पद (वाहन चालक) पर भेजकर कचड़ा गाड़ी मे लगा दिया जाएगा। काम बंद हो जाने से प्रभारी सीएमओ ने किसी तरह समझौता करा कर मामले को रफा-दफा कर दिया। यह पहला मामला है जब जिला मुख्यालय छतरपुर की नगर पालिका के किसी कर्मचारी के साथ चेम्बर मे घुसकर मारपीट की गई।
कर्मचारियों की मानें तो वे एकत्रित होकर नगरपालिका के प्रभारी CMO दिनेश कुमार तिवारी के पास पहुंचे जहां उन्होंने मामले की गंभीरता देखते हुए नागपालिका अध्यक्ष से बात की तो उन्होंने अधिकारियों को अध्यक्ष के घर जाने को कहा। जहां सभी कर्मचारी एकत्रित होकर अध्यक्ष के घर गए तो वहां अध्यक्ष पति सुरेंद्र पप्पू चौरसिया ने मामले को सुना और उन्हें मामले को शांत करने को कहा और शिकायत रिपोर्ट न करने की बात कही और आगे से ऐसा होने पर कार्यवाही की बात कही है। जहां अब उक्त घटना के बाद CMO और अध्यक्ष की कार्यप्रणाली सहित मामले की रिपोर्ट न कराने से कर्मचारियों में आक्रोश और नाराजगी व्याप्त है। कर्मचारियों की मानें तो आज एक साथी के साथ हुआ है तो कल को हमारे साथ भी हो सकता है।
कर्मचारी संतोष नामदेव पर दबाब बनाया जा रहा है कि तुम्हारा मूल पद ड्राइवर का है पर तुम्हें लाभ का पद एकाउंटेंट का दिया (कुर्सी पर बिठाया) गया है। अगर तुम कुछ भी बोले तो वापिस तुम्हें मूल पद ट्रैक्टर (कचरा गाड़ी) का ड्राइवर बना दिया जाएगा। मामले में जब पीड़ित कर्मचारी संतोष नामदेव से हमने बात की तो उसका कहना है कि उसके साथ घटना हुई है जिसकी विस्तृत जानकारी उसने वरिष्ठ अधिकारी, CMO और अध्यक्ष को दे दी है और वही इस मामले में आगे कार्यवाही करेंगे।
उक्त मामले में प्रभारी CMO दिनेश कुमार तिवारी से हमने बात की तो उनका कहना है कि हमें आपके द्वारा इस मामले की जानकारी लगी है, हमारे पास अब तक कोई सूचना या लिखित शिकायत नहीं आई आई अगर आती है तो देखते हैं। वहीं अब घटना का CCTV वीडियो निकलकर सामने आया है, जिसे मिटाने और दबाने का प्रयास किया जा रहा था। दरअसल इस वीडियो को नपा के सजग और जिम्मेदार कर्मचारियों अधिकारियों ने मिटने/मिटाने के पहले निकाल लिया था। दरअसल उन्हें अंदेशा था कि CMO और अध्यक्ष के द्वारा मामले को दबाने, रफ़ा-दफा करने और पीड़ित को धमकाने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे अधीनस्थों का दवाब में आना लाज़मी है।