फतेहपुर। भैंस बेचने की रकम के विवाद में गुरुवार दोपहर सगे भाई ने तीन साल के मासूम भतीजे के सामने भाई-भाभी की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी। वारदात के बाद आरोपी कुल्हाड़ी लेकर मौके से भाग गया। एसपी ने जांच के बाद सगे भाई के हत्या करने की बात कही है। ग्रामीणों ने बताया कि खेत-खलिहान व संपत्ति का विवाद हर परिवार में होता है। इस खानदान में भाइयों के बीच अनबन, किसी विनाश से कम नहीं है। पहले पिता की हत्या का कलंक सबसे छोटे बेटे शिवम पर लगा। धर्मेंद्र व रोली की हत्या का कलंक भाइयों शुभम, बूंदी, मां कृष्णावती, बहनों सोनी व नीलम व दामाद बबलू पर लगा है।
खागा कोतवाली क्षेत्र के फतेहपुर टेकारी गांव निवासी धर्मेंद्र उर्फ धन्नू तिवारी (35) पांच भाइयों संतोष, बूंदी, शुभम, शिवम में दूसरे नंबर का था। वह पैतृक घर में पत्नी रोली (30) व बेटे कृष्णा (3) के साथ रहता था। संतोष व शिवम बाहर नौकरी करते हैं। मां कृष्णावती चौथे नंबर के बेटे शुभम के साथ रहती है, जबकि बूंदी दूसरे घर में रहता है। धर्मेंद्र मजदूरी करता था। तीन दिन पहले पत्नी के साथ हथगाम ससुराल गया था। घर में भैंस बेचने की सूचना पर धर्मेंद्र, पत्नी रोली व बेटे को लेकर गुरुवार दोपहर घर पहुंचा था। बताया रहा कि धर्मेंद्र का मां से भैंस बेचने की रकम को लेकर विवाद हुआ। कुछ रुपये मां से लेकर वह बाहर निकला। इसी खुन्नस में बूंदी व शुभम ने धर्मेंद्र पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया।
फतेहपुर जिले में फतेहपुर टेकारी गांव के पांच भाइयों के परिवार में एक साल बाद फिर रिश्तों का खून किया गया है। पिता प्रेम नारायण तिवारी की करीब एक साल पहले छोटे बेटे शिवम ने डंडे से पीटकर हत्या कर थी। पुलिस ने उसे गैरइरादतन हत्या के आरोप में जेल भेजा था। पिता की हत्या में वह जमानत पर है। इसी परिवार में अब भाइयों ने भाई धर्मेंद्र व भाभी रोली की निर्मम हत्या कर दी है। बताया जाता है कि पिता की हत्या करने वाला शिवम मुंबई में रहता है। उसने दूसरी जाति की महिला से प्रेम विवाह किया था। इस हरकत से पिता नाराज हुए थे। वह शादी के बाद पिता से संपत्ति में हिस्सा मांगने आया था। पिता ने हिस्सा देने से इन्कार कर दिया था। उसने पिता की लाठी-डंडे से पीटकर हत्या कर दी थी।
संपत्ति पर पूरी तरह से कब्जा करने वाला बूंदी बेखौफ था। वह गांव और परिवार के बीच अक्सर चर्चा करता था कि संपत्ति पर किसी भाई को पैर नहीं रखने देगा। इसके लिए उसे चाहे लाशें बिछानी पड़ जाएं। उसकी यह जुबानी गुरुवार को सच हो गई। उसने ही ताबड़तोड़ कुल्हाड़ी से भाई व भाभी पर हमला किया। उसके तेवर से परिवार के साथ ग्रामीण भी खौफ खाते थे। पांच भाइयों के बीच 16 बीघा खेत, 10 बीघा बाग, पैतृक बड़ा मकान व एक नलकूप है। इनके बीच संपत्ति को लेकर पुराने समय से विवाद चला आ रहा है। बूंदी को गांव में सभी कुल्हाड़ीबाज के नाम से भी पीठ पीछे बुलाते थे।
बूंदी का उग्र स्वभाव और बात-बात पर कुल्हाड़ी लेकर आना ग्रामीणों के जेहन में दहशत पैदा कर चुका था। दिनदहाड़े भाई धर्मेंद्र व भाभी रोली को कुल्हाड़ी से काट डालने की घटना ग्रामीणों के सामने हुई। उसके खिलाफ पुलिस के सामने भी ग्रामीणों की जुबान बंद दिखी। शव जाने के बाद ही कुछ ग्रामीणों की जुबान खुली और उन्होंने धीरे-धीरे घटनाक्रम की जानकारी दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार धर्मेंद्र और रोली कहासुनी करते हुए घर से बाहर आए। पीछे से बूंदी हाथ में कुल्हाड़ी लेकर दौड़ा। यह देख धर्मेंद्र की चप्पल घर के पास ही छूट गई। वह अपनी जान बचाने के लिए सड़क की ओर दौड़ा, लेकिन कुएं के पास धर्मेंद्र को पकड़ लिया और जमीन पर गिराकर ताबड़तोड़ कुल्हाड़ी से वार किए।
उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पति पर प्रहार देख रोली चीखते हुए कुएं के पास पहुंची और पति को बचाने के लगी। दोनों भाई भाभी पर हमलावर हुए। उसके सिर पर कुल्हाड़ी मारी। वह मरणासन्न हो गई। कुल्हाड़ी के प्रहार से सिर का एक हिस्सा फटकर बाहर आ गया और उसके हाथ में भी कुल्हाड़ी लगी। पुलिस ने तड़पती रोली को सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टर ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। मां बोली कि भैंस बेचने की रकम धर्मेंद्र छीनकर जा रहा था। इसे लेकर ही भाइयों के बीच विवाद में घटना हुई। पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने बताया कि जांच में एक छोटे भाई के हमला कर दंपती को मार डालने का मामला सामने आया है। गिरफ्तारी के लिए पांच टीम गठित की गई है।
धर्मेंद्र के ससुर शशि द्विवेदी ने हत्या में दामाद की मां, भाई बूंदी, शुभम तिवारी, बहनों नीलम, सोनी व सोनी के पति बबलू निवासी पाठक का पुरवा मवई थाना हुसैनगंज व दो से तीन अन्य के खिलाफ तहरीर दी है। शशि ने तहरीर में बताया कि बेटी के जेवर पहले ही उसकी सास कृष्णावती ने छीन लिए थे। हत्याकांड के प्रत्यक्षदर्शी एक सात-आठ वर्षीय बच्चे ने पुलिस को बताया कि धर्मेंद्र को उसका छोटा भाई मार रहा था और मारने के बाद उसकी जेब से पैसा निकाला। कुल्हाड़ी समेत घर के पीछे की ओर से भाग निकला।
वारदात के दौरान धर्मेंद्र व रोली का तीन वर्षीय बेटा कृष्णा भी मौके पर था। मारपीट देख स्थानीय लोगों ने कृष्णा को वहां से हटाकर एक कमरे में छिपा दिया। हत्या करने वालों का उस पर ध्यान नहीं गया। वह धर्मेंद्र के वंश का नाश तक कर सकते थे। घटना के बाद सबसे पहले घायल व नाजुक हालत में रोली को एंबुलेंस से हथगाम सीएचसी और वहां से उसे हरदों सीएचसी ले गए थे। पिता शशि प्रकाश व उनके अन्य परिजन घटनास्थल पहुंचे। वह बेटी को जिंदा मान रहे थे। उधर, पुलिस कृष्णावती को पकड़ने के लिए घर के अंदर घुसी। इसी दौरान पिता को पता लगा कि रोली की भी मौत हो गई है। यह सुनकर पिता व अन्य परिजनों का धैर्य टूट गया और वह उग्र हो गए। कृष्णावती के बाहर आते ही परिजन डंडा लेकर आगे बढ़े, लेकिन मौजूद पुलिस ने उन्हें समझाकर पीछे किया।