खटीमा। वन विभाग की टीम ने शुक्रवार तड़के भगचुरी के पास खैर की लकड़ियों से लदे एक पिकअप वाहन को पकड़ लिया। तस्करों ने इस दौरान वन विभाग के वाहन को टक्कर मारकर वनकर्मियों को कुचलने का भी प्रयास किया। इससे कुछ वनकर्मियों को गुम चोटें आईं हैं। इस बीच, पिकअप से कूदकर भाग रहा तस्कर तारबाड़ में उलझकर गिर गया, जिसे वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया, जबकि दूसरे वाहन में सवार करीब पांच तस्कर फरार हो गए। पिकअप में खैर की लकड़ी के 44 गिल्टे थे।
बृहस्पतिवार देर रात करीब एक बजे वन विभाग की टीम को खैर की लकडि़यों से लदे एक वाहन के न्यूरिया पीलीभीत की ओर जाने की सूचना मिली। टीम को न्यूरिया की ओर जाने वाले रास्ते पर ग्राम चंदेरी फार्म टेढ़ाघाट के पास शुक्रवार तड़के करीब सवा तीन बजे पिकअप वाहन आता दिखाई दिया। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पिकअप के चालक को रुकने का इशारा किया तो वह वनकर्मियों को कुचलने का प्रयास करते हुए भाग गया। वनकर्मियों ने विभागीय गाड़ी से दूसरे रास्ते से उसका पीछा किया तो भगचुरी फार्म के पास आरोपी चालक ने वन विभाग के वाहन को सीधी टक्कर मार दी, जिससे वाहन में बैठे वनकर्मियों को चोटें आईं। विभागीय वाहन को टक्कर मारने के बाद चालक वाहन से कूदकर भागने लगा लेकिन अंधेरे में तारबाड़ में उलझकर वह गिर गया जिसे वनकर्मियों ने पकड़ लिया।
वन क्षेत्राधिकारी महेश जोशी ने बताया कि पकड़े गए तस्कर की पहचान करगनी अमरिया, पीलीभीत निवासी मोहम्मद जीशान पुत्र नबी अहमद के रूप में हुई है। वहीं दूसरे वाहन में भाग रहे इस्लाम नगर निवासी दो युवकों को चिह्नित कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि तस्करों के दूसरे वाहन में तीन अन्य युवक भी थे, जिनकी पहचान की जा रही है। वन विभाग की टीम में भैरव सिंह बिष्ट, उत्तम सिंह राणा, धन सिंह अधिकारी,जीत प्रकाश,नबी अहमद, अनुज मिश्रा, आकाश और जयवीर आदि शामिल थे।
खैर की लकड़ियों से लदे पिकअप का पीछा करने के दौरान वनकर्मियों को साथ में ही चल रही एक लग्जरी कार भी दिखी। इसमें करीब पांच तस्कर बैठे थे लेकिन अंधेरा होने के कारण उनकी पहचान नहीं हो सकी। हालांकि, दो तस्करों की वन विभाग की टीम ने पहचान कर ली है। दोनों खटीमा के इस्लामनगर के बताए जा रहे हैं। खटीमा उप वन प्रभाग के सुरई, किलपुरा और खटीमा रेंज के जंगलों से लंबे समय से लकड़ियों की तस्करी हो रही है। सूत्रों के मुताबिक, सुरई रेंज के जंगलों के यूपी से सटे होने के कारण यहां सबसे अधिक तस्करी हो रही है। रेंज के जंगलों से अवैध कटान कर तस्कर आसानी से यूपी भाग जाते हैं।
इसके अलावा, खटीमा रेंज के जंगलों में लोहियाहेड मार्ग पर सबसे अधिक तस्करी हो रही है। किलपुरा रेंज के जंगलाें से अवैध कटान कर तस्कर चंपावत जिले और नेपाल की ओर भाग जाते हैं। लालकोठी के पास शारदा नहर के किनारे के जंगलों से भी लंबे समय से लकड़ियों की खुलेआम तस्करी हो रही है, लेकिन तस्करों की धरपकड़ न होने के कारण उनके मंसूबे बढ़ते जा रहे हैं। एसडीओ संचिता वर्मा के मोबाइल नंबर पर संपर्क नहीं हो सका।