
रुद्रपुर। इंडसइंड बैंक से तीन फर्जी चेकाें से करोड़ों रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने कस्टडी रिमांड पर लिए गए मुख्य अभियुक्त और बैंक मैनेजर से पूछताछ की। इस दौरान दोनों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई। मुख्य अभियुक्त से पुलिस को फर्जी चेक तैयार करने वाले के बारे में जानकारी हासिल हुई है। कस्टडी रिमांड की मियाद पूरी होने के बाद पुलिस ने दोनों अभियुक्तों को हल्द्वानी जेल में दाखिल कर दिया।
दरअसल, इंडसइंड बैंक में तीन फर्जी चेकों से कंपीटेंट अथॉरिटी फॉर लैंड एक्वीजिशन (सीएएलए) और एनएचएआइ के संयुक्त खाते से अगस्त के आखिरी हफ्ते में तीन फर्जी चेकों से 12.62 करोड़ रुपये निकाल दिए गए थे। पुलिस ने केस दर्ज कर बैंक मैनेजर देवेंद्र सिंह और कैशियर प्रियम सिंह को गिरफ्तार किया था। बीते तीन अक्तूबर को पुलिस ने मुख्य अभियुक्त ललित कुमार महेंद्रू उर्फ लाली उर्फ शिव दास पाटिल निवासी बलवंत एनक्लेव थाना बिलासपुर रामपुर को जीरकपुर पंजाब से गिरफ्तार किया था।
मंगलवार को अदालत से 24 घंटे का रिमांड मिलने पर पुलिस ने हल्द्वानी जेल में बंद मुख्य अभियुक्त ललित कुमार महेंद्रू उर्फ लाली और मैनेजर देवेंद्र सिंह को पूछताछ के लिए कस्टडी रिमांड पर ले लिया। पुलिस ने दोनों अभियुक्तों से पूरे प्रकरण को लेकर घंटों पूछताछ की। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि लाली ने पूछताछ के दौरान कई जानकारियां दी हैं। पुलिस को फर्जी चेक तैयार करने वाले सोनीपत निवासी राज शर्मा, चेक बनाने में इस्तेमाल कंप्यूटर, प्रिंटर, घटना में इस्तेमाल स्कार्पियो और मोबाइल बरामद करना है। बृहस्पतिवार को अदालत में मुख्य अभियुक्त लाली की चार दिन की रिमांड के लिए प्रार्थना पत्र दिया जाएगा।
फर्जी चेकों से सरकारी खाते से करोड़ों रुपये निकालने के मामले में पुलिस ने केस दर्ज करने के बाद सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी सहायता से ललित कुमार महेन्डु उर्फ लाली, चेयरमेन उर्फ रामकुमार, लाली की बहन मीनू बाठला को चिह्नित कर मुख्य अभियुक्त बनाया था। तीनों को विदेश भागने से रोकने के लिए पुलिस ने लुक आउट सरकुलर भी जारी किया था। विवेचना में पता चला था कि तीनों ने संगठित तौर पर यह अपराध करने का साजिश रचा था। इस पर तीनों के खिलाफ संगठित अपराध की संगीन धाराओं का इजाफा किया गया। पुलिस की दो अलग टीमों ने विभिन्न खातों में भेजी गई धनराशि के खाता धारको के बारे में जयपुर और मुम्बई में जांच की थी।
इसमें मुख्य खाता धारकों एवं आगे जाने वाले खातों के बारे में कई जानकारियां हासिल हुई थी। इसमें जयपुर में करीब 2.5 करोड की धनराशि अपने खातों में लेने वाले अभियुक्त विनोद शर्मा निवासी सीकर और प्रवीन शर्मा निवासी कल्याणनगर जयपुर को तस्दीक किया गया है। इसके अलावा मुम्बई में मुख्य खाताधारकों के विभिन्न ऑफिसों और पतों पर छापामारी की गई थी। इसके साथ ही मुंबई के मुख्य खाताधारक के लिए काम करने वाले जीवराज माली उर्फ विशाल निवासी सिरोही राजस्थान और भरत कुमार मिश्रा निवासी झुंझुनूं राजस्थान को भी तस्दीक कर उनके खिलाफ कार्यवाही की गई है।
पुलिस के अनुसार सरकारी खाते से फर्जी चेकों से निकाली गई करोड़ों की धनराशि को चंडीगढ़, मुंबई और जयपुर के तीन अलग- अलग खातों में स्थानान्तरित की गई थी। इसके बाद तीन खातों से यह राशि सात बार विभिन्न राज्यों में संचालित 68 खातों में भेजी गई थी। साइबर सेल ने 52 से अधिक खातों को सीज कर दिया है और साढ़े सात करोड़ से अधिक की धनराशि को फ्रीज करा दिया है।