ऊधम सिंह नगर। रुद्रपुर में नर्स हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर डिग्री कॉलेज के छात्रों ने जूलूस निकाला। उन्होंने निजी अस्पताल के गेट पर प्रदर्शन किया और फिर पुलिस कार्यालय पर कूच कर दिया। उन्होंने चार बार पुलिस कार्यालय के भीतर घुसने की कोशिश की, लेकिन पुलिस कर्मियों नेउनको रोक दिया। इसको लेकर उनकी पुलिसकर्मियों से तीखी झड़प और धक्कामुक्की हो गई। इस दौरान एक दरोगा की वर्दी फट गई जबकि कईं पुलिसकर्मियों की नेम प्लेट गिर गई। दो घंटे तक चले हंगामे के बाद छात्रों ने कलक्ट्रेट में एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच और एसएसपी को हटाने की मांग की।
शनिवार की सुबह 12 बजे सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एकत्र छात्र-छात्राओं और मृतका नर्स के परिजनों ने पुलिस कार्यालय के लिए कूच कर दिया। जूलस की शक्ल में छात्रों ने नैनीताल रोड में फुटेला अस्पताल के गेट पर नारेबाजी व प्रदर्शन किया। इसके बाद वे पुलिस कार्यालय की तरफ चल दिए। छात्रों की जूलूस को देखते हुए पुलिस कार्यालय के गेट को बंद कर पुलिसकर्मियों ने बेरिकेडिंग लगा दिए। इससे गुस्साए छात्र बैरिकेडिंग पर चढ़ गए और नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद बैरिकेडिंग तोड़ते हुए परिसर में घुसने की कोशिश की। जब पुलिस ने उनको रोका तो धक्का मुक्की शुरू कर दी। रूक-रूककर परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे छात्रों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। उन्होंने सीबीआई जांच के साथ ही एसएसपी के इस्तीफे की मांग को लेकर जोरदार नारेबाजी जारी रखी।
एसपी सिटी मनोज कत्याल ने छात्रों को समझाने की कोशिश की मगर छात्र सुनने को तैयार नहीं हुए। उनका कहना था कि वे एसआईटी जांच से संतुष्ट नहीं है। परिजन सिर्फ सीबीआई जांच चाहते हैं। करीब दो घंटे तक जमे रहने के बाद वे पुलिस कार्यालय से डीएम कार्यालय पहुंचे और एडीएम को ज्ञापन सौंपा। छात्रों के धरने को यूपी से आए भाकियू हिन्द के कार्यकर्ताओं ने समर्थन दिया। वहां पर विक्की गंगवार, रिया मेहता, बॉबी गुप्ता, अनमोज त्रिपाठी, जावेद खान, मोहम्मद असलम, मोहित शर्मा, हिमांशु सिंह, रजत बिष्ट, सचिन वर्मा सहित अनेक मौजूद रहे।
पुलिस कार्यालय में घुसने की जिद में बेकाबू हुए छात्रों को नियंत्रित करने में पुलिस के खूब पसीने छूट गए। बेरिकेडिंग में चढ़ने की कोशिश में एक छात्रा गिर गई। इसके साथ ही भीषण गर्मी में धक्का मुक्की के बीच दो छात्राएं बेहोश हो गई। इसके बाद दोनों को भीड़ से अलग ले जाया गया और पानी पिलाने के बाद वे होश में आई थी। एक छात्रा तो गुस्से में आकर महिला सिपाहियों से न सिर्फ उलझी बल्कि हाथापाई तक उतारू हो गई। हालांकि महिला कर्मियों ने संयम से काम लिया और छात्रा को वहां हटा दिया।
छात्रों की बात सुनने के लिए पहुंचे एसपी सिटी मनोज कत्याल का छात्रों ने घेराव किया और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए। काफी समझाने पर जब छात्र बात सुनने को तैयार नहीं हुए तो एसपी सिटी वहां से अपनी गाड़ी में बैठने चले गए। इस दौरान कुछ छात्रों ने दौड़ते हुए एसपी सिटी के पीछे चले गए और नारेबाजी की। एसपी सिटी ने उनको समझाने की कोशिश की, मगर वे कुछ सुनने को तैयार नहीं हुए। इस पर वे वहां से चले गए।
आक्रोशित छात्र एसएसपी से मिलने की मांग पर अड़े हुए थे। वे एसएसपी से इस्तीफा और सीबीआई जांच की मांग को लेकर मुखर थे। एसपी सिटी के जाने के बाद एसपी क्राइम चंद्रशेखर आर घोड़के वहां पहुंचे थे। लेकिन वे छात्रों के पास तक गए और फिर उनके बिना बातचीत किए वापस लौट गए। हालांकि छात्रों के हंगामे के बावजूद एसएसपी वहां नहीं आए थे। पूरे प्रकरण में पुलिस छात्रों का आक्रोश भांप नहीं सकी। इसके चलते वहां फोर्स कम हो गई थी। हालांकि कम फोर्स के बावजूद पुलिसकर्मियों ने संयम दिखाते हुए छात्रों को अंदर जाने से रोक दिया।
आंदोलनकारी छात्र इतने आक्रोशित थे कि वे बेरिकेडिंग को गिराकर बंद किए मुख्य गेट तक पहुंच गए। उन्होंने गेट पर धक्के मारकर खोलने की कोशिश की और कुछ छात्रों ने गेट पर चढ़ने की कोशिश की। लेकिन पुलिसकर्मियों ने उनको रोका दिया और बल पूर्वक वहां से हटा दिया। छात्र जब पुलिस कार्यालय पर पहुंचे तो पुलिस ने उनको बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया था। लेकिन मृतका की बहन और अन्य परिजन मुख्य गेट से सटे छोटे गेट से अंदर जाने लगे। इस पर पुलिस कार्यालय पर तैनात महिला कर्मियों ने उनको रोक दिया। इस पर वे बिफर पड़े। उन्होंने पुलिस पर न्याय नहीं देने का आरोप लगा। इस दौरान वहां कुछ छात्र भी पहुंच गए। लेकिन महिला कर्मियों ने उनको अंदर जाने नहीं दिया।
पुलिस कार्यालय गेट पर प्रदर्शनकारी छात्रों ने हाथों में पकड़ी तख्तियों में मृतका नर्स और कोतकाता कांड की शिकार डाक्टर की फोटो लगाकर उनके नाम लिखे हुए थे। उन्होंने इनके लिए न्याय की मांग के नारे भी लिखे थे। पुलिसकर्मियों ने अदालत के आदेश का हवाला देते हुए दुष्कर्म की शिकार मृतकाओं का फोटो और नाम का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं करने को कहा, लेकिन छात्र उनकी बात सुनने को तैयार नहीं हुए। इस पर एसपी सिटी ने भी कड़ी नाराजगी जताई।