नैनीताल। हर घर जल पहुंचाने में नैनीताल जिला राज्य में 12वें स्थान पर है। यह हाल तब जब इससे दुर्गम जिला पौड़ी गढ़वाल इस मामले में पहले स्थान पर है। वहीं योजना के तहत हर घर जल की सर्टिफिकेशन की प्रगति रिपोर्ट में नैनीताल जिला राज्य में सबसे फिसड्डी है। जिम्मेदार अधिकारी 1006 गांवों में से मात्र 78 गांवों का ही प्रमाणीकरण कर पाए हैं।
जल जीवन मिशन (जेजेएम) केंद्र सरकार की योजना है। सरकार हर घर जल पहुंचाने के लिए प्रयासरत है लेकिन नैनीताल जिला केंद्र सरकार की योजना को पलीता लगा रहा है। नैनीताल जिले में जिम्मेदार अधिकार जेजेएम योजना के तहत हर घर जल पहुंचाने के लक्ष्य के क्रम में 1,14,321 में से 99,864 घरों में पेयजल कनेक्शन दे पाए हैं। पौड़ी गढ़वाल 1,10,723 में से 1,10,721 घरों में पानी के संयोजन दिए जा चुके हैं। वहीं, योजना के तहत हर घर जल सर्टिफिकेशन की प्रगति रिपोर्ट में नैनीताल जिला सबसे नीचे है।
नैनीताल जिले में 1006 गांवों में 78 गांव (7.75%) ही हर घर जल प्रमाणित हुए हैं। देहरादून 61.26 प्रतिशत के साथ पहले, उत्तरकाशी 53.40 प्रतिशत दूसरे, टिहरी गढ़वाल 43.88 प्रतिशत के साथ तीसरे, पौड़ी गढ़वाल 37.47 के साथ चौथे, पिथौरागढ़ 34.64 प्रतिशत के साथ पांचवें, हरिद्वार 27.08 के साथ छठे, रुद्रप्रयाग 21.54 के साथ सातवें स्थान पर हैं। वहीं, चंपावत आठवें (17.55%),चमोली नौवें (14.97%), ऊधमसिंह नगर दसवें (13.58%), बागेश्वर 11वें (12.76%) और अल्मोड़ा 12वें (9.56%) स्थान पर है।
जेजेएम योजना में ये हाल तब है जबकि इसकी मॉनिटरिंग लगातार शासन स्तर और केंद्र स्तर से हो रही है। जिले में जल जीवन मिशन के कार्य की निगरानी जिला जल एवं स्वच्छता मिशन (डीडब्ल्यूएसएम) कमेटी करती है। यह कमेटी तकनीकी, वित्तीय और निगरानी के लिए है। इसकी अध्यक्ष डीएम, सीईओ सीडीओ, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान इसके नोडल हैं। कमेटी में वन विभाग, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग आदि विभाग के अधिकारी सदस्य हैं। हर घर जल का प्रमाणीकरण पंचायती राज को करना पड़ता है। प्रमाणीकरण नहीं होने के कारण जिला 13वें स्थान पर है।