पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले में सीईओ के साथ अभद्रता करने, उन्हें धमकाने वाले निलंबित शिक्षक और उसके साथियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज जिले भर के एजुकेशनल मिनिस्टीरियल कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी न होने तक वे काम पर नहीं लौटेंगे। कर्मियों के कार्य बहिष्कार से सीईओ, डीईओ और बीईओ कार्यालयों में कामकाज पूरी तरह ठप हो गया है।
मंगलवार को एजुकेशन मिनिस्टीरियल कर्मियों ने कार्य बहिष्कार करते हुए सीईओ और बीईओ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करते हुए धरना दिया। कर्मियों ने कहा कि बीते आठ अगस्त निलंबन के बाद चंपावत में संबद्ध शिक्षक ने अपने कुछ साथियों के साथ पिथौरागढ़ पहुंचकर सीईओ के साथ अभद्रता की। बहाल करने का दबाव बनाते हुए सीईओ को एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने की धमकी दी। निलंबित शिक्षक के बाहरी लोगों को साथ लेकर अधिकारियों को धमकाने से हर कर्मचारी में डर का माहौल है।
कहा कि निलंबित शिक्षक और उसके साथियों के खिलाफ तहरीर दी गई थी, लेकिन अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है। चेतावनी देते हुए कहा जब तक सभी को गिरफ्तार नहीं किया जाता वे काम पर नहीं लौटेंगे। मिनिस्टीरियल कर्मियों के कार्य बहिष्कार से मुख्य शिक्षा, जिला शिक्षा और खंड शिक्षा कार्यालयों में कामकाज ठप हो गया है इससे विभाग की दिक्कत बढ़ गई है। राजकीय शिक्षक संघ, प्राथमिक शिक्षक संघ और चतुर्थ श्रेणी संघ ने भी मिनिस्टीरियल कर्मियों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। प्रदर्शन में अनिल कुमार, पंकज खोलिया, त्रिलोचन पुनेठा, मोहित बिष्ट, जेपी वर्मा, एमसी जोशी, एमएल वर्मा, पीएस डीनिया, गायत्री किशोर, दीपा सेठी सहित कई कर्मचारी शामिल रहे।
निलंबित शिक्षक और उसके साथियों की गिरफ्तारी की मांग पर खंड और उप खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात मिनिस्टीरियल कर्मियों ने धरना दिया। उन्होंने कहा आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। कहा जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होते उनका आंदोलन जारी रहेगा। वहां पर नरेंद्र सिंह देवली, सुधीर सिंह राठौर, ललिता पांगती, राहुल मर्तोलिया, सीता पापड़ा, शीला सेमिया आदि शामिल रहे।