बरेली। बरेली के अलीगंज में मुहर्रम के जुलूस में बाहर से लाए गए बड़े डीजे शामिल करने को लेकर दो समुदायों के बीच तनातनी ने बवाल का रूप ले लिया। बुधवार शाम थाने के बाहर जुटी भीड़ को पुलिस ने लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया तो एक समुदाय के लोगों ने पथराव कर दिया। इसमें एक दरोगा की कार के शीशे टूट गए। तनाव बढ़ते देख दुकानदारों ने बाजार बंद कर दिया। एसपी दक्षिणी के नेतृत्व में मौके पर कई थानों की पुलिस तैनात कर जुलूस निकलवाया गया।
थाने पहुंचे अधिकारियों को एक पक्ष ने बताया कि पिछले दिनों शांति कमेटी की बैठक में तय हुआ था कि मुहर्रम के जुलूस में मानकों के अनुरूप केवल आठ छोटे डीजे शामिल किए जाएंगे। डीजे पर सुराही व लाउडस्पीकर की संख्या भी तय की गई थी। आरोप है कि ताजियेदारों ने बाहर से दो बड़े डीजे मंगाकर कुल 10 डीजे जुलूस में शामिल कर लिए। इसे नई परंपरा बताकर अधिकारियों से तय संख्या का पालन कराने की मांग की गई।
जबकि ताजियादारों ने कहा कि वे मंगाए गए दो बड़े डीजे के लिए 90 हजार रुपये का भुगतान कर चुके हैं, इसलिए इस बार इन्हें जुलूस में शामिल करा दिया जाए। अगली बार इन्हें नहीं मंगाएंगे। इस पर विहिप नेता नितिन महाजन ने कहा कि वे चंदा करके भुगतान की राशि उन्हें दे देंगे, लेकिन नई परंपरा नहीं पड़ने दी जाएगी।
दोनों पक्षों में थाने के भीतर कई घंटे तक तनातनी होती रही। बाद में लिखित समझौता हुआ कि तय मानकों के अनुसार ही दोनों समुदाय के जुलूस में डीजे शामिल किए जाएंगे। शाम सात बजे जुलूस निकालना शुरू किया गया। यह कुछ दूर पहुंचा था कि दूसरे पक्ष ने बड़े डीजे देखकर फिर विरोध शुरू कर दिया। यह पक्ष थाने आया तो पीछे से दूसरे पक्ष की भीड़ थाने में घुसने लगी। पुलिस ने बवाल के डर से इन्हें बाहर किया पर ये नहीं माने।
फिर लाठी फटकारकर इन्हें थाने से खदेड़ा गया। बाद में तिराहे के पास कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। थानाध्यक्ष की जीप के शीशे भी इससे टूट गया। हालांकि पुलिस ने इसे नियंत्रित कर लिया। देर रात एसपी दक्षिणी ने जुलूस निकलवाना शुरू किया। उन्होंने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। जुलूस के बाद समीक्षा की जाएगी कि किस पक्ष की गलती है, उसी के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।