इस समय उत्तर प्रदेश से बहुत ही दुखद समाचार समाचार पत्रों मीडिया के माध्यम से आ रही है, उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग मातम में बदल गया. यहां पर मची भगदड़ में करीब 122 लोगों की मौत हो गई है. साथ ही इस हादसे में 200 से अधिक श्रद्धालु घायल भी हो गए हैं. हाथरस भगदड़ में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. यह भगदड़ सिकंदराराऊ थाना क्षेत्र के फुलरई गांव में आयोजित भोले बाबा के सत्संग में मची. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में हाथरस सत्संग हादसे पर दुख जताया और कहा कि भगदड़ में लोगों की मौत दुखद है. उन्होंने कहा कि पीड़ितों की हर संभव मदद की जाएगी. साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया है और हादसे की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाथरस में भगदड़ की घटना पर लोकसभा में कहा, “मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र ठीक होने की कामना करता हूं, प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है.” हादसे के बाद पीएम मोदी ने अनुग्रह राशि की घोषणा की है. हाथरस में दुर्घटना में प्रत्येक मृतक के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपए दिए जाएंगे.
हाथरस के जिलाधिकारी आशीष कुमार पटेल ने बताया कि हाथरस में 50 से 60 शव लाए गए हैं. वहीं एटा सीएमओ के मुताबिक, अब तक एटा में 27 शव पहुंच चुके हैं. एसएसपी एटा राजेश कुमार ने बताया कि एटा पहुंचे 27 शवों में 23 महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल है. अभी तक कुल 122 लोगों की मौत हो गई है और करीब 200 लोग घायल हैं. जानकारी के मुताबिक, घायलों को बस-टैंपों में लादकर जिला अस्पताल ले जाया गया. डीएम और एसपी मौके पर पहुंच गए है. साथ ही मौके पर कई थानों की फोर्स भी बुलाई गई है.
सिंकदाराऊ से 5 किमी दूर एटा रोड पर सत्संग का यह टैंट लगा है.
खुले खेत में करीब 100 बीघे में सत्संग का आयोजन किया गया था. भगदड़ के बाद यहां मौत का मातम पसरा हुआ है. टाट-पट्टी बिखरी पड़ी है. चारों तरफ सन्नाटा है. कुछ देर पहले वहां क्या हुआ होगा, उसकी गवाही चारों तरफ बिखरा लोगों का सामान दे रहा है. आखिर भगदड़ कैसे हुई. टैंट को देखने पर एंट्री और एग्जिट गेट पर शक होता है. अंदर जाने और निकलने के लिए बहुत छोटा रास्ता बनाया गया था. बताया जा रहा है भगदड़ की वजह गर्मी, उमस और घुटन है. बंद टेंट में लोगों ने बाहर आना शुरू किया और फिर भगदड़ मच गई.
स्थानीय लोगों के मुताबिक करीब 10 सालों से सत्संग चल रहा था. मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ के रत्तीभानपुर में सत्संग हो रहा था, सत्संग में करीब 5 से 10 हजार लोग जुटे हुए थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक गर्मी ज्यादा थी और भगदड़ हो गई. एक के ऊपर एक लोग भागने लगे, यह जानलेवा साबित हुआ. हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस मामले में कार्यक्रम के आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी. प्रशासन आयोजकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है.
हाथरस में बाबा नारायण साकार हरि के सत्संग में भगदड़ मची. पुलिस के मुताबिक, फुलरई गांव में नारायण साकार हरि का सत्संग चल रहा था. सत्संग वाली जगह छोटी थी और भीड़ बहुत ज्यादा थी. नारायण साकार हरि एटा के बहादुर नगरी गांव के रहने वाले हैं. उनकी शुरुआत पढ़ाई लिखाई यहीं हुई. कॉलेज के बाद वो आईबी में नौकरी करने लगे और बाद में आध्यात्म की तरफ मुड़ गए. उन्होंने बाद में अपना नाम बदलकर नारायण साकार हरि रख लिया. वह गेरुआ कपड़े नहीं पहनते और सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं. उनकी उत्तर प्रदेश के जिलों में अच्छी पैठ है.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हादसे पर दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर कहा, “उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में हुई दुर्घटना में महिलाओं और बच्चों सहित अनेक श्रद्धालुओं की मृत्यु का समाचार हृदय विदारक है. मैं अपने परिवारजनों को खोने वाले लोगों के प्रति गहन शोक संवेदना व्यक्त करती हूं तथा घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं.”
सीएम योगी ने अधिकारियों को दिए निर्देश-
उत्तर प्रदेश सरकार ने हाथरस की घटना के बाद मुख्य सचिव और डीजीपी को हाथरस के लिए रवाना किया है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर अधिकारियों के अलावा मंत्री लक्ष्मी नारायण और संदीप सिंह भी हाथरस जाकर हालात का जायजा लेंगे. इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से राहत कार्य में जुटने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे की जांच के लिए कमेटी गठित की है. इस हादसे की अलीगढ़ मंडल के वरिष्ठ अफसर की कमेटी जांच करेगी. एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है.