
ऊधम सिंह नगर पंतनगर थाने के एसएचओ के वायरल ऑडियो से सियासत गर्मा गई है। पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने एसएचओं के आचरण की निंदा करते हुए एक साल बाद ऑडियो के वायरल होने को चौंकाने वाला बताया। कांग्रेस नेता और किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि जब दस साल पुराने मामलों में तक एफआईआर दर्ज हुई हैं तो अब तक एसएचओ पर एफआईआर दर्ज क्यों नहीं की गई है।
अपने आवास पर पत्रकार वार्ता में बेहड़ ने मामले में राजनीति के बजाय कार्रवाई करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अश्लील ऑडियो अधूरा होने की बात कही जा रही है। ऑडियो अधूरा है या पूरा है, इसकी जांच होनी चाहिए। जांच में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पीड़िता से अश्लील बातें की गई हैं। पीड़िता की ओर से उपलब्ध कराया ऑडियो ही डीजीपी को दिया था। कहा कि ऐसे मामलों में विधायक, सांसद और बड़े-बड़े लोग जेल जा सकते हैं तो एसएचओ को बचाने का खेल क्यों रचा जा रहा है।
किच्छा के पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कार्यकर्ताओं के साथ एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण से पुलिस विभाग के साथ ही शासन की छवि धूमिल हो रही है। एक जिम्मेदार पद पर चैते एसएचओ का आचरण निंदनीय है। इस घटना से पंतनगर और आसपास के लोगों में आक्रोश है। इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच ही।
जांच प्रभावित न ही, इसके लिए एसएचओ को निलंबित किया जाए। कहा कि यह मामला एक वर्ष पुराना है। अचानक एक साल बाद इंस्पेक्टर की अश्लील ऑडियो का वायरल होना चौंकाने वाला है। इस मामले में सभी पहलुओं पर विस्तृत जांच की जाए। यहां राजेश तिवारी, धीरेंद्र मिश्रा, मोहन तिवारी, मनीष शुक्ला, सनी शुक्ला, दलजीत खुराना, बंटी खुराना, चंद्रसेन कोली, सत्य प्रकाश कोली आदि मौजूद रहे।
किच्छा विधायक ने कहा कि शिकायती पत्र पर डीजीपी ने तत्काल एफआईआर दर्ज करने और निलंबन के आदेश किए थे। लेकिन इस आदेश को रोकने वाला कौन है। पीड़िता जब चाहेगी तो प्रमाण सामने रख सकती है। चेताया कि अगर पुलिस राजनीति करना चाहती है तो वह इसके लिए तैयार हैं। अगर एक दो दिन में कार्रवाई नहीं हुई तो बड़ा राजनीतिक कदम उठाएंगे और हजारों लोगों के साथ एसएसपी कार्यालय का घेराव कर बेमियादी धरने पर बैठेंगे।
विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि पुलिस के मीडिया ग्रुप पर इस मामले में पूर्व विधायक के एसएसपी कार्यालय में आने की सूचना पत्रकारों के लिए प्रसारित की गई थी। किसी जनप्रतिनिधि के मिलने की सूचना पहली बार पुलिस के ग्रुप में प्रसारित की गई है। यह पुलिस रेगुलेशन के खिलाफ है। कहा कि इस सूचना का स्क्रीन शॉट डीजीपी को भेजने के साथ ही लिखित शिकायत की है। उन्होंने डीजीपी से एसएचओ पर केस दर्ज करने और पुलिस मीडिया ग्रुप में सूचना प्रसारित करने के मामले में कार्रवाई की मांग की है।