देहरादून। राजधानी में सक्रिय एक आदतन नशा तस्कर को पुलिस ने पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत पांच सप्ताह के लिए जेल में बंद कराया है। इस एक्ट के तहत देहरादून पुलिस की यह पहली कार्रवाई है। आरोपी के खिलाफ तीन नशा तस्करी, दो चोरी और एक हत्या का मुकदमा दर्ज है। आरोप है कि वह वर्तमान में भी नशा तस्करी में लिप्त था।
ऐसे में उसके खिलाफ 173 पन्नों की रिपोर्ट तैयार कर गृह सचिव को भेजी गई थी। गृह सचिव ने आरोपी को पांच सप्ताह के लिए जेल में बंद करने के निर्देश दिए हैं। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पिछले दिनों नशा तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई के लिए सभी थाना प्रभारियों और क्षेत्राधिकारियों को निर्देशित किया गया था।
इसी क्रम में रायपुर थाने में एसओ कुंदन राम के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया। इस टीम ने क्षेत्र में सक्रिय नशा तस्करों को चिह्नित किया। इसमें नशा तस्कर अमरकांत उर्फ डोला के बारे में जानकारी मिली कि वह अब भी छोटे-छोटे बच्चों के माध्यम से स्मैक व अन्य नशीले पदार्थ बिकवाता है। उसके खिलाफ नशा तस्करी के तीन मुकदमे दर्ज हैं।\
रायपुर पुलिस और एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स ने अमरकांत के आपराधिक इतिहास की जानकारी कर उसके खिलाफ पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई के लिए न्यायालय से दस्तावेज हासिल किए। इनके आधार पर 173 पन्नों की रिपोर्ट तैयार कर उसे गृह सचिव के सामने रखा गया। गृह सचिव ने आरोपी अमरकांत अंतिवाल उर्फ डोला को पांच माह के लिए जेल में बंद रखने के निर्देश दिए। इस क्रम में आरोपी अमरकांत को सुद्धोवाला जेल में दाखिल कर दिया गया हैं। आरोपी मूल रूप से फ्रेंड्स कॉलोनी, लेन नंबर सात तपोवन रोड, रायपुर का रहने वाला है। एसएसपी ने बताया कि अभी कई नशा तस्कर पुलिस के रडार पर हैं।
इससे पहले वर्ष 2022 में एसटीएफ ने एक आरोपी पीआईटी एनडीपीएस एक्ट के तहत नौ माह के लिए जेल में निरुद्ध कराया था। इसके बाद से शासन और पुलिस मुख्यालय ने लगातार सभी जिलों को पीआईटी एनडीपीएस एक्ट में कार्रवाई के निर्देश दिए थे। अभी तक किसी भी जिले ने निरोधात्मक कार्रवाई नहीं की थी। देहरादून पहला जिला है जिसने आदतन नशा तस्कर पर नकेल कसने की कार्रवाई की है।
प्रिवेंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक नार्कोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टेंसेस एक्ट 1988 (पीआईटी एनडीपीएस) के तहत आदतन नशा तस्करों पर कार्रवाई की जाती है। यह रोकथाम से संबंधित कानून है। जिस तरह पुलिस गुंडा, गैंगस्टर एक्ट आदि में कार्रवाई कर आदतन अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करती है उसी तरह से नशा तस्करों को इस एक्ट में बंद कराया जाता है। इसकी रिपोर्ट गृह सचिव को भेजी जाती है। गृह सचिव ही आरोपी को जेल में बंद रखने के आदेश जारी करते हैं।