
कानपुर। कानपुर में हत्या, लूट, धोखाधड़ी, चोरी, किशोरी को बहला-फुसलाकर भगा ले जाने जैसे मामलों में लापरवाही बरतने वाले दो इंस्पेक्टरों, 17 दरोगाओं समेत 141 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है। जांच अधिकारियों की रिपोर्ट के बाद उच्चाधिकारियों ने बैड एंट्री और अर्थदंड से दंडित किया है। अब इन्हें तीन से पांच साल तक न तो प्रमोशन मिलेगा और न ही इंक्रीमेंट।
दोनों इंस्पेक्टरों और 17 दरोगाओं ने विवेचना में लापरवाही बरती है तो अन्य पुलिसकर्मी काम के प्रति लापरवाह पाए गए हैं। पुलिस रिकार्ड के अनुसार पिछले चार साल में दो इंस्पेक्टर, 17 दरोगा, 37 हेड कांस्टेबल, 58 कांस्टेबल व 12 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के खिलाफ लापरवाही के आरोप लगे थे।
पुलिस अधिकारियों ने सभी के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी थी। जांच की जिम्मेदारी एडिशनल डीसीपी से लेकर एसीपी को सौंपी गई थी। जांच अधिकारियों ने अपनी-अपनी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपी। जांच अधिकारियों के रिपोर्ट के आधार पर पुलिस कमिश्नर ने लापरवाह पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की।
चर्चित बसपा नेता पिंटू सेंगर हत्याकांड में विवेचना के दौरान सुभानअल्ला, महफूज अख्तर समेत अन्य आरोपियों को क्लीनचिट देकर फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। मामला संज्ञान में आने के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट चिंताराम की अदालत ने पूर्व के साक्ष्यों को देखते हुए 169 की रिपोर्ट खारिज कर पुलिस को फटकार लगाई थी। इसके बाद पुलिस कमिश्नर ने दोनों इंस्पेक्टरों रामकुमार गुप्ता व रवि श्रीवास्तव के खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी थी। जांच में दोषी पाए जाने पर अब इन पर भी कार्रवाई की गई है।
सुभाष चंद्र, अशोक कुमार, अभिषेक सोनकर, आनंद शर्मा, पंकज कुमार राठी, विजय प्रकाश सिंह, इंद्रपाल सिंह, संदीप कुमार, विमल बैगा, अलख निरंजन, जगदीश वर्मा, यतेंद्र पाल सिंह, पंकज कुमार जायसवाल, सर्वेंद्र कुमार, सुधाकर पांडेय, चंद्र प्रकाश तिवारी, रवि कुमार दीक्षित। इसके अलावा मुख्यालय स्तर पर हुए जांच में दो हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को दंडित किया गया है।
जांच रिपोर्ट के आधार पर लापरवाह पुलिस कर्मियों को सजा दी गई। काम के प्रति लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर किसी भी कीमत में रियायत नहीं की जाएगी। -अखिल कुमार, पुलिस कमिश्नर