बदायूं। मारपीट के मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाने के लिए 20 हजार की रिश्वत लेते दहगवां चौकी इंचार्ज को भ्रष्टाचार निरोधक दस्ते ने दबोच लिया। उसके साथ एक दलाल भी गिरफ्तार किया गया। दोनों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराकर चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। जरीफनगर थाना क्षेत्र के गांव समसपुर कूबरी निवासी प्रेमपाल सिंह के मुताबिक 26 जनवरी को उनके गांव के बिजेंद्र यादव ने मारपीट करने के आरोप में प्रेमपाल व ग्राम प्रधान संजीव यादव के भाई प्रदीप यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
इसकी विवेचना दहगवां चौकी इंचार्ज देवेंद्र सिंह कर रहा था। प्रेमपाल सिंह का कहना है कि यह मामला झूठा दर्ज कराया गया था। वह और ग्राम प्रधान के भाई बेकसूर थे। इसमें एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने को चौकी इंचार्ज रिश्वत मांग रहे थे। उनके गांव के ऋषिपाल सिंह ने चौकी इंचार्ज से 20 हजार रुपये में समझौता करा दिया था।
सोमवार दोपहर प्रेमपाल सिंह और ऋषिपाल सिंह दहगवां पुलिस चौकी पहुंचे थे लेकिन इससे पहले प्रेमपाल ने एंटी करप्शन टीम को सूचना दे दी थी। उनके पहुंचने से पहले एंटी करप्शन टीम प्रभारी इश्त्याक वारसी ने अपनी टीम के साथ घेराबंदी कर दी। जैसे ही प्रेमपाल सिंह ने चौकी इंचार्ज को रुपये दिए कि तभी एंटी करप्शन टीम ने चौकी इंचार्ज और दलाल को गिरफ्तार कर लिया। उन्हें शहर कोतवाली लाया गया, जहां उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई।
भ्रष्टाचार निवारण संगठन के सीओ यशपाल सिंह ने इसका प्रेसनोट भी जारी किया है। इधर, शाम को एसएसपी आलोक प्रियदर्शी ने चौकी इंचार्ज को निलंबित करते हुए मामले की विभागीय जांच सीओ सहसवान कर्मवीर सिंह को सौंपी है। ग्राम समसपुर कूबरी निवासी बिजेंद्र सिंह ने प्रेमपाल और ग्राम प्रधान के भाई प्रदीप यादव के खिलाफ मारपीट करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी। बिजेंद्र का कहना था कि गांव के कुछ लोगों ने कई छुट्टा पशुओं को घेरकर प्राइमरी स्कूल में बंद कर दिया था।
इसकी सूचना पर वह भी उन्हें देखने गया था। जब वह पशुओं की वीडियो बना रहा था, तभी प्रेमपाल और प्रदीप ने उसके साथ मारपीट की थी। यह मामला 20 जनवरी का था लेकिन पुलिस ने 26 जनवरी को एफआईआर दर्ज की थी।
एंटी करप्शन टीम ने दहगवां के चौकी इंचार्ज देवेंद्र सिंह को 20 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। इस मामले में चौकी इंचार्ज समेत दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है। इसकी विभागीय जांच भी कराई जाएगी। सीओ सहसवान को इसकी जांच सौंपी गई है।
– आलोक प्रियदर्शी, एसएसपी