ऊधम सिंह नगर। खटीमा के भारामल मंदिर के महंत श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की हत्या के खुलासे में चश्मदीद गवाह नन्हे को महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद नन्हे से पुलिस सुरक्षा में दोबारा पूछताछ हो चुकी थी। बुधवार को डीआईजी योगेंद्र रावत के खटीमा पहुंचने पर भी नन्हे से पूछताछ हुई थी। लेकिन अब नन्हे की मौत के साथ दोहरे हत्याकांड से जुड़े कई राज दफन हो गए हैं। इससे हत्याकांड के खुलासे में जुटी पुलिस की जांच भी प्रभावित होेने की आशंका है।
चार जनवरी की मध्यरात्रि नकाबपोश बदमाशों ने लाठी-डंडों से पीटकर महंत श्रीहरिगिरि महाराज और सेवादार रूप सिंह बिष्ट की नृशंस हत्या कर दी थी। इसमें सेवादार जगदीश और नन्हे बच गए थे। जगदीश से पुलिस को जांच में मदद न मिलने के कारण पुलिस घटना के संबंध में नन्हे से जानकारी जुटाती रही। पुलिस अभिरक्षा में खटीमा उप जिला अस्पताल में भर्ती नन्हे से पुलिस टीमों ने लगातार पूछताछ की। डिस्चार्ज होने के बाद नन्हे को निर्वाण आश्रम लाया गया। हत्याकांड के खुलासे को लेकर सभी टीमों ने नन्हे से पूछताछ कर जानकारी जुटाई।
बुधवार को भी झनकईया में थाने डीआईजी योगेंद्र रावत की मौजूदगी में नन्हे से पूछताछ होने के बाद उसे निर्वाण आश्रम में बाबा रामगिरि और सेवादार शंकर की सुपुर्दगी में सौंपा गया था। दोहरे हत्याकांड के खुलासे में नन्हे महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा था लेकिन बुधवार रात संदिग्ध हालात में नन्हे की मौत के साथ ही हत्याकांड से जुड़े कई राज भी दफन हो गए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि नन्हे की मौत से पुलिस आगे की जांच भी प्रभावित हो सकती है। एसएसपी डॉ. मंजूनाथ टीसी ने कहा कि दोहरे हत्याकांड में नन्हे चश्मदीद गवाह था। वह रात के समय नाले के पार क्यों जा रहा था, यह जांच का विषय है।
खटीमा में सेवादार नन्हे का बृहस्पतिवार सुबह एसडीएम रवींद्र बिष्ट की मौजूदगी में पोस्टमार्टम हुआ। इस दौरान वीडियोग्राफी भी की गई। इसके बाद खटीमा स्थित मुक्ति धाम में उसकी अंत्येष्टि की गई। साधु-संतों ने 20 दिन बाद भी दोहरे हत्याकांड का खुलासा न होने पर रोष व्यक्त किया। श्रीमहंत समुद्र गिरि महाराज, रणधीर गिरि महाराज और वासुदेव नंद गिरि ने दोहरे हत्याकांड की सीबीआई जांच करवाने की मांग की। हिंदू जागरण मंच के नैनीताल विभाग उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने महंत श्रीहरिगिरि महाराज व सेवादार रूप सिंह बिष्ट के हत्या का शीघ्र ही खुलासे की मांग की। साथ ही सेवादार नन्हे की संदिग्ध हालत में हुई मौत की निष्पक्ष जांच करने की मांग की।
सेवादार नन्हे भी श्रीहरिगिरि महाराज के गांव कासिमपुर (बीसलपुर) का रहने वाला था। वह वर्ष 2014 से श्रीहरिगिरि महाराज का सेवक था। परिवार में कोई न होने के कारण वह भारामल मंदिर में ही रहने लगा था। घायल होने के बावजूद नन्हे रविवार को भारामल मंदिर में श्रीहरिगिरि महाराज के 16वीं संस्कार में पहुंचा था। निर्वाण आश्रम में रह रहे घायल नन्हे की सुरक्षा के प्रति पुलिस गंभीर नजर नहीं आ रही थी। उसकी सुरक्षा में कुछ दिन तक दो पुलिस कर्मियों को तैनात किया था लेकिन बाद में उन्हें भी हटा दिया गया। बुधवार की रात घटना के दिन भी निर्वाण आश्रम में पुलिस कर्मी तैनात नहीं थे।
नन्हे की मौत को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं। कोई नन्हे के आश्रम से भागने के दौरान मौत होना, तो कोई आत्महत्या और कुछ इसे हत्या कहने से भी नहीं चूक रहे हैं। हालांकि सच क्या है, यह भविष्य के गर्भ में छुपा है। सेवादारों ने बताया कि लघुशंका की बात कहकर गया नन्हे अपना मोबाइल बिस्तर पर ही छोड़कर गया था। आश्रम में लगे सीसीटीवी कैमरों में वह बाथरूम की ओर जाते हुए दिख रहा है।
श्रीहरिगिरि महाराज के बड़े भाई कासिमपुर, बीसलपुर निवासी सुखलाल सेवादार नन्हे की मौत की खबर मिलते ही खटीमा की ओर निकल पड़े। सुखलाल ने बताया कि उन्हें रात करीब 12 बजे नन्हे की मौत की सूचना मिली। वह तड़के घर से खटीमा के लिए निकल गए थे। सुखलाल ने बताया कि नन्हे भी उनके गांव का ही रहने वाला था। उन्होंने दोहरे हत्याकांड के शीघ्र खुलासे की मांग की।