देहरादून। उद्यान विभाग में हुए घपले की सीबीआई से जांच कराने के मामले को लेकर सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। नैनीताल हाई कोर्ट ने इस प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सरकार ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, लेकिन वहां इससे संबंधित पुनर्विचार याचिका अस्वीकार हो गई।
उद्यान विभाग में सेब पौध वितरण में धांधली का मामला सामने आने पर सामाजिक कार्यकर्ता दीपक करगेती ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यद्यपि, इस मामले में सरकार ने तत्कालीन उद्यान निदेशक डा एचएस बवेजा को निलंबित कर दिया था। साथ ही प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित की थी।
हाई कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रकरण की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इस आदेश को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। मंगलवार को इससे संबंधित याचिका पर सुनवाई हुई। बताया गया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह याचिका अस्वीकार कर दी। शासन के एक उच्चाधिकारी ने कहा कि इस बारे में अभी आधिकारिक जानकारी नहीं मिली है, लेकिन विभिन्न संचार माध्यमों से ऐसी जानकारी मिली है।
कोर्ट का आदेश मिलने के बाद ही इस बारे में कुछ कहा जा सकेगा। उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि उद्यान विभाग के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान है। साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मामले में एसआईटी का गठन कर दिया था और मंशा दोषियों को कानून के दायरे में लाने की थी। उन्होंने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है और भ्रष्टाचार के खिलाफ हर तरह की जांच को तत्पर रही है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि एसआईटी ने भर्ती घोटाले और जमीनों की धोखाधड़ी से संबंधित कई मामलों में आरोपितों को सलाखों के पीछे भेजा है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने भर्ती घोटालों को संरक्षण देने का कार्य किया। सरकार उद्यान मामले में भी निष्पक्ष जांच की पक्षधर रही है और इसी के दृष्टिगत एसआईटी गठित की गई थी और उसने जांच भी शुरू कर दी थी।