Navratri में कन्या पूजा के जैसे हीं हवन भी इस व्रत का अभिन्न अंश है. नवरात्रि पूजा हवन के बिना अधूरी मानी जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, हवन के माध्यम से नवग्रह और देवी-देवताओं को प्रसन्न करके उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. शारदीय नवरात्रि 2023 में, मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा, नवदुर्गा के भोग, मंत्र और फूलों का समावेश होता है.
जिससे पूजा का विशेष फल और देवी-देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है. हवन एक पावन विधि है, जिससे धार्मिक और आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त होती है और इससे नवग्रह, देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और वे आशीर्वाद प्रदान करते हैं. नवरात्रि हवन की तिथि और समय
ज्योतिष के अनुसार, नवरात्रि हवन पहले दिन से महानवमी तक किया जा सकता है, लेकिन अधिकतर लोग इसे दुर्गा अष्टमी और महानवमी पर ही करते हैं.
इस साल दुर्गा अष्टमी 22 अक्टूबर और महानवमी 23 अक्टूबर को है. इस साल नवरात्रि हवन के लिए इन दिनों का समय सुबह 06:26 से शाम 06:44 तक है. हवन सामग्री हवन के लिए विभिन्न प्रकार की सामग्री चाहिए, जैसे हवन कुंड, कुश का आसन, चंदन, बेल, नीम की सूखी लकड़ी, चावल, तिल, सूखा नारियल, कपूर, गाय का घी, लोबान, गुग्गल आदि.
हवन के मंत्र
हवन में विभिन्न देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए मंत्र जपे जाते हैं.
जैसे- ओम आग्नेय नम: स्वाहा, ओम गणेशाय नम: स्वाहा, ओम गौरियाय नम: स्वाहा आदि.
हवन विधि
- पूजा के बाद एक शुद्ध स्थान पर हवन कुंड को स्थापित कर, हवन कुंड में
- सूखी लकड़ी और गाय के उपल रखें और उस पर घी डालकर आग जलाएं.
- हवन के दौरान विभिन्न मंत्र जपे जाते हैं, इससे वायुमंडल में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है.
- धीरे-धीरे हवन सामग्री को आग में डालते हुए मंत्रोच्चार करना चाहिए.
- हवन की समाप्ति पर, देवी-देवताओं से सुख-शांति और कल्याण की प्रार्थना करें.
- हवन समाप्त होने पर आरती करें और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करें.