कानपुर। उत्तर प्रदेश के एक ग्रामीण जिले में अपराध को कम करने और दक्षता में सुधार करने के लिए एक अभिनव कदम में बागपत के एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने एक तकनीक-आधारित निगरानी प्रणाली विकसित की है। इससे ये सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बीट कांस्टेबल अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी तरह मुस्तैद हैं। इसके लिए बागपत जिले के विभिन्न हिस्सों में क्यूआर कोड चस्पा कर दिए गए हैं और बीट कांस्टेबलों को फोन ऐप के जरिए इसे स्कैन करके अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होगी।
पहले ये निगरानी का काम टीम औचक निरीक्षण करती थी। आईआईटी कानपुर से बीटेक एसपी ने कहा कि उद्देश्य बीट पुलिसिंग को मजबूत करना है। हमने बीट क्षेत्रों के प्रमुख स्थानों पर क्यूआर कोड लगाए हैं। जब एक कांस्टेबल इसे स्कैन करेगा, तो यह हमारे नियंत्रण केंद्र में दिखाई देगा। क्यूआर कोड को इस तरह से संहिताबद्ध किया गया है कि जानकारी के तीन भाग स्थान, समय और निर्देशांक उत्पन्न हों।
उन्होंने बताया कि बागपत में 244 गांव और शहरी इलाकों में 156 मोहल्ले हैं, कुल मिलाकर लगभग 400 स्थान हैं। एक कांस्टेबल को वहां शारीरिक रूप से मौजूद रहना होगा। बीट कांस्टेबलों को उनके विशेष क्षेत्र के अनुसार उनका संबंधित कार्य सौंपा जाएगा। ज़मीन पर बल के बीच अनुशासन की भावना सुनिश्चित करें और गांवों में पुलिस गश्त की निरंतर उपस्थिति से जनता का विश्वास बढ़ेगा।
विस्तृत जानकारी रखने वाले एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, असाइनमेंट में संभावित उपद्रवियों पर लगातार जांच, शांति समितियों के साथ नियमित संपर्क और लगातार गश्त करना शामिल होगा। एसपी विजयवर्गीय ने कहा कि पूरे सिस्टम को यूपी डायल 112 द्वारा उत्पन्न डेटा के साथ संश्लेषित किया गया है। ‘112’ डेटा हमें जिले के कुख्यात स्थानों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है जहां अपराध दर अधिक है।
हम उस क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। यदि हरा दिया जाए पुलिसिंग मजबूत होगी तो अपराध दर अपने आप कम हो जाएगी। विशेष महानिदेशक (डीजी), कानून एवं व्यवस्था, प्रशांत कुमार ने कहा कि हम राज्य में पुलिस व्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और ऐसी तकनीकी पहल का स्वागत है। यदि यह प्रणाली अच्छी तरह से काम करती है, तो हम इसे पूरे राज्य में दोहराएंगे।