प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को 10वीं बार लाल किले की प्राचीर से संबोधित किया है। देश को संबोधित करने से पहले उन्होंने लाल किले पर तिरंगा फहराया। मंगलवार को लाल किले की प्राचीर से नई योजना का भी ऐलान किया है।
विश्वकर्मा जयंती पर शुरू होगी नई योजना
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के कई समुदायों को नई ताकत देने के लिए अगले महीने विश्वकर्मा जयंती के मौके पर ‘विश्वकर्मा योजना’ आरंभ की जाएगी। उन्होंने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह योजना भारत के लाखों व्यवसाइयों और कारीगरों के उत्थान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगी। प्रधानमंत्री ने कुछ पेशेवर कामों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कार्यों में लगे ज्यादातर लोग ओबीसी समुदाय से हैं। मोदी ने कहा, ‘‘इन लोगों को नई ताकत देने के लिए, आने वाली विश्वकर्मा जयंती पर करीब 13-15 हजार करोड़ रुपये से विश्वकर्मा योजना प्रारंभ की जाएगी। इस योजना का लाभ सुनार, लोहार, नाई, चर्मकार समुदाय को होगा जो पारंपरिक कौशल का काम करते है। ये योजना उन्हें सहायता मुहैया कराने के लिए शुरू होगी।
मणिपुर समस्या का किया जिक्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर में बीते दो महीनों से जारी हिंसा का जिक्र किया। उन्होने कहा कि मणिपुर में मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ है। मणिपुर के लोगों से शांति की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि देश मणिपुर के साथ है। वहां समस्या का रास्ता शांति से ही निकलेगा। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में और भारत के कुछ अन्य भागों में खासतौर से मणिपुर में हिंसा का जो दौर चलता है। इसमें कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है। मां बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ है। उन्होंने कहा कि बीते कुछ समय से मणिपुर से शांति की खबरें आई है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरा देश मणिपुर के लोगों के साथ है। मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को बनाएं रखें।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा।’’ उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र की सरकारें मिलकर वहां समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी।