देहरादून। सावन के तीसरे सोमवार पर आज मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ रही है। शिवालयों में हर-हर महादेव की गूंज हैं। विशेष पूजा-अर्चना के लिए सुबह से ही भक्तों की लाइनें मंदिरों में लगी है। आज देवभूमि भोले की भक्ति में रमी है।
आज पर्वतीय क्षेत्रों का दूसरा जबकि मैदानी क्षेत्र का तीसरा सोमवार है। शिव भक्त हरिद्वार से जल लेकर चकराता पहुंचे है, जोकि क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक करेंगे। विकास नगर के शिव मंदिर में श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया।
इसके पीछे की वजह पहाड़ी लोग सूर्य को मानते हैं। जबकि, मैदान में चंद्रमा से सावन को शुरू मानते हैं। हिंदू धर्म में ज्योतिष गणना के अनुसार सूर्य मास और चंद्र मास होता है।
दरअसल, लोक परंपराओं के अनुसार, पहले के समय में पहाड़ के लोग खेती पर ही निर्भर रहते थे। इसलिए सावन का महीना आने से पहले किसान ईष्ट देवों और प्रकृति से बेहतर फसल की कामना और पहाड़ों की रक्षा का आशीर्वाद मांगते थे।
हरेला पर्व के साथ उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सावन की शुरुआत भी हो गई।