अल्मोड़ा। जिले में लावारिस कुत्ते और बंदरों का आतंक लगातार बढ़ रहा है। चार माह में जिला अस्पताल में कुत्ते, बंदर और बिल्ली के काटने के कुल 557 मामले आ चुके हैं। आलम ये है कि बंदरों के आतंक से लोगों का अकेले राह चलना मुश्किल हो गया है।
नगर के ढूंगाधारा, पूर्वी और पश्चिमी पोखरखाली, धारानौला, खोल्टा, खत्याड़ी, राजपुरा, कर्नाटक खोला, पांडेखोला समेत कई इलाकों में बंदरों का आतंक बना हुआ है। बंदर घरों में घुस कर सामान उठाने के साथ ही खेतों में बोई फसल को भी बर्बाद कर रहे हैं। खास कर छोटे बच्चों का अकेले स्कूल आना-जाना मुश्किल हो गया है।
फरवरी से मई माह तक कुत्ते, बंदर और बिल्ली कुल 557 लोगों को काट चुके हैं। नगर पालिका कुत्तों और बंदरों के आतंक से लोगों को बचाने में नाकामयाब साबित हो रही है। हालांकि पालिका ने कुछ माह पहले बंदरों को पकड़ने का अभियान भी चलाया बावजूद इसके आतंक कम नहीं हुआ।
चार माह के आंकड़े
माह – मामले
फरवरी – 113
मार्च – 132
अप्रैल -144
मई – 168
कुत्ते और बंदरों के काटने पर रोज औसतन तीन से पांच मरीज जिला अस्पताल आते हैं। अस्पताल में रेबीज इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में हैं। लोग अपने पालतू कुत्तों को इंजेक्शन जरूर लगाएं।
-डॉ. पीके सिन्हा, पीएमएस जिला अस्पताल अल्मोड़ा।