मसूरी। मसूरी झील के पानी के उपयोग के लिए जल संस्थान ने पॉलिसी तैयार की है। इसके तहत मसूरी झील के पानी को रेगुलराइज कर दिया गया है और झील के पास फिलिंग स्टेशन भी शुरू कर दिया है। बृहस्पतिवार रात 10 बजे से यहां टैंकर पानी लेने पहुंचने लगे हैं।
इसके तहत अब शहर के होटल संचालक और अन्य व्यवसायी झील के पानी का उपयोग कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें जल संस्थान को शुल्क देना होगा। मसूरी झील में उपलब्ध 70 फीसदी तक पानी का प्रयोग किया जाएगा, जबकि 30 फीसदी पानी धोबीघाट नाले में नियमित प्रवाहित होगा।
जल संस्थान मसूरी के अधिशासी अभियंता एलसी रमोला ने बताया कि फरवरी में एनजीटी ने झील के पानी के उपयोग पर पूरी तरह रोक लगा दी थी। जिसके बाद शहर में पानी की किल्लत बढ़ गई थी, लेकिन अब जल संस्थान ने एनजीटी के आदेश के तहत ही झील के पानी के उपयोग के लिए पॉलिसी बनाई है, जिसके बाद झील के पानी का व्यावसायिक उपयोग किया जा सकेगा। शहर में करीब 350 होटल और होम स्टे हैं।
रमोला ने बताया कि रात 10 से सुबह 6 बजे तक मसूरी झील से पानी भरने का समय निर्धारित किया गया है। एक घंटे में चार टैंकर (पांच हजार से सात हजार लीटर) भरे जा सकेंगे। हालांकि टैंकर संचालकों को इसके लिए जल संस्थान में पंजीकरण कराना होगा। इससे जल संस्थान की आय भी बढ़ेगी।
पानी भरने के लिए डेढ़ हजार से ढाई हजार लीटर के टैंकर के लिए 100 रुपये शुल्क देना होगा। इसी तरह तीन हजार से पांच हजार लीटर के टैंकर को भरने के लिए 150 रुपये और दस हजार लीटर के टैंकर के लिए तीन सौ रुपये का शुल्क जल संस्थान को देना होगा।
रमोला ने बताया कि जल संस्थान द्वारा अधिकृत टैंकर (विभागीय या शासकीय) को फिलिंग सेंटर से निशुल्क पानी भरने की अनुमति होगी। टैंकर या जीप संचालकों को पांच सौ रुपये पंजीकरण शुल्क जल संस्थान में जमा कराना होगा। यह एक वर्ष के लिए ही मान्य होगा। हर साल पंजीकरण कराना अनिवार्य है। जल आपूर्ति की व्यवस्था जल संस्थान द्वारा स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के सहयोग से संचालित की जाएगी।