श्रीनगर। गोविंद बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या का मामला सुर्खियों में है। मामले में महिला के पति ने इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक और विभागाध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसके बाद शासन ने घुड़दौड़ी इंजीनियरिंग कॉलेज के निदेशक और विभागाध्यक्ष कुमाऊं मंडल के इंजीनियरिंग कॉलेजों से संबद्ध कर दिया है।
बता दें कि शासन ने दोनों को सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली 2002 का प्रथम दृष्टया में दोषी माना है। जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी की असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की आत्महत्या के मामले में शासन ने डीएम पौड़ी की रिपोर्ट मिलने के बाद यह कार्रवाई की है। जारी आदेश में कहा गया है कि अप्रैल 2019 में असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट की स्थायी नियुक्ति के बाद से ही उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था। मनीषा की नियुक्ति के समय वर्तमान में संस्थान के निदेशक विभागाध्यक्ष थे। जबकि, एक प्रोफेसर विभागाध्यक्ष है।
फिलहाल, शासन ने दोनों को हटा दिया है। वहीं, अब प्रभारी निदेशक की जिम्मेदारी डॉक्टर वीएन काला को दी गई है। उन्होंने अपना पदभार ग्रहण कर लिया है। ये संस्थान के सबसे सीनियर फैकल्टी हैं। जबकि, इलेक्ट्रॉनिक एवं कम्युनिकेशन के नए हेड के रूप में राजेश कुमार को जिम्मेदारी दी गई है।
गौर हो कि बीती 25 मई को जीबी पंत इंजीनियरिंग कॉलेज घुड़दौड़ी की महिला असिस्टेंट प्रोफेसर मनीषा भट्ट ने नैथाणा पुल से अलकनंदा नदी में छलांग लगा दी थी। जिसे रेस्क्यू कर बेस अस्पताल श्रीकोट में भर्ती कराया गया था। जहां मनीषा ने दम तोड़ दिया था। इसके बाद महिला के पति और स्वजनों ने संस्थान के उच्चाधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। साथ ही मामले में पुलिस को तहरीर देकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।