देहरादून। हरिद्वार लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस में अभी से रार छिड़ गई है। इस सीट पर हरक सिंह रावत की दावेदारी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि 2016 की बगावत की बात राज्य के लोग भूले नहीं हैं। हरिद्वार लोकसभा सीट से सांसद रहे हरीश रावत पिछला चुनाव यहीं से लड़ना चाहते थे। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें नैनीताल से चुनाव लड़ाया, जहां से वह हार गए।
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में हरीश रावत की निगाहें हरिद्वार लोकसभा सीट पर लगी हैं। ऐसे में पिछले दिनों जब पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत ने हरिद्वार सीट से चुनाव लड़ने का शिगूफा छेड़ा तो कांग्रेस की सियासत में हलचल मच गई। बुधवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में हरीश रावत पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह से मिलने पहुंचे।प्रीतम के घर से बाहर निकलते ही उन्होंने मीडिया को 2016 की बगावत को लेकर बयान दे दिया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कार्यकर्ता दुखी है। हम कैसे उसे समझाएं। 2016 एक कटुतम अध्याय है। एक कपटपूर्ण रचना के जरिये लोकतंत्र के साथ महापाप हुआ। सरकार गिराई गई और प्रमुख सूत्रधार कौन-कौन लोग थे, किस-किस तरीके की चीजें थी। वह सबको मालूम है। 10 साल से कार्यकर्ता सत्ता से बाहर हैं।
अब कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए भी काम करना पड़ेगा। उसके लिए भी कांग्रेस सबकुछ दे। सियासी जानकारों के मुताबिक हरीश रावत ने हरक सिंह रावत पर निशाना साधा है। हरक के लिए सलाह के सवाल पर हरीश ने कहा कि वह मेरी सलाह मानते तो ये स्थितियां नहीं आतीं और कांग्रेस सत्ता से बाहर नहीं होती।
उधर, हरक सिंह रावत ने भी उसी अंदाज में प्रतिक्रिया दी। उन्होंने मीडिया में कहा कि 2016 की बगावत की बात करना ठीक नहीं है। सभी को 2024 लोकसभा चुनाव पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी को दिक्कत थी तो उसी दिन बोलना चाहिए था, जिस दिन कांग्रेस में शामिल हुआ था। अब एक साल से ज्यादा का समय हो गया है, इन बातों का कोई मतलब नहीं है। इससे पार्टी कमजोर ही होगी।