देहरादून। जोशीमठ आपदा प्रभावितों के पुनर्वास पैकेज पर निर्णय के लिए अहम माने जाने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक टल गई है। अब यह बैठक 10 फरवरी के बजाय 15 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैंप कार्यालय में होगी।
बैठक स्थगित होने की वजह राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की अंतिम रिपोर्ट में हो रही देरी मानी जा रही है। बता दें कि जोशीमठ के आपदा प्रभावितों की निगाहें प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक पर लगी हैं। इस बैठक में उनके विस्थापन और पुनर्वास पैकेज पर निर्णय होना है। शासन स्तर पर गठित हाईपावर कमेटी ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। प्रस्ताव के तहत आपदा प्रभावितों के लिए पुनर्वास पैकेज के तीन विकल्प तय किए गए हैं। हालांकि इसके लिए धनराशि का खुलासा नहीं किया गया है।
माना जा रहा है कि सरकार जोशीमठ में तकनीकी जांच कर रही केंद्रीय एजेंसियों की अंतिम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर उसके लिए राहत एवं पुनर्वास पैकेज तय करना सहज हो जाएगा। एनडीएमए को यह रिपोर्ट देनी है और आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इसमें अभी और समय लग सकता है। रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार जोशीमठ के पुनर्निर्माण, विस्थापना, पुनर्वास और केंद्र सरकार को भेजे जाने वाले राहत पैकेज को तय कर पाएगी।
भाजपा संगठन से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, 10 फरवरी तक प्रदेश सरकार के सभी प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलों में केंद्रीय बजट की खूबियां बताने के लिए प्रेस कांफ्रेंस करनी है। इसके अलावा संगठन को 10 फरवरी तक सभी जिला कार्य समितियों की बैठकें करनी हैं। इन बैठकों में प्रभारी मंत्रियों को भी शामिल होना है। मंत्रियों की व्यस्तता भी बैठक स्थगित होने की वजह बताई जा रही है।
मुद्दों के लिहाज से फरवरी में होने वाली प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इस बैठक में नकल रोकने का अध्यादेश भी लाया जाएगा। इसके अलावा राज्य आंदोलनकारियों के लिए 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण को लेकर मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट पर भी कैबिनेट निर्णय लेगी। जमीन के सर्किल रेट के प्रस्ताव पर भी मुहर लगेगी। नई पर्यटन नीति समेत कई अन्य प्रस्तावों पर कैबिनेट में चर्चा होनी है।