हल्द्वानी। रेलवे भूमि अतिक्रमण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी किया है। सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को भी नोटिस जारी किया है। अब सात फरवरी तक अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा। मामले में अगली सुनवाई सात फरवरी को होगी। अब हल्द्वानी में बुलडोजर नहीं चलेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में लोगों का हटाना उचित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लोगों को बड़ी राहत मिली है।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीएम धामी का बयान भी सामने आया है। सीएम धामी ने कहा कि हमने पहले भी कहा है कि यह रेलवे की जमीन है। इस मामले में हम कोर्ट के आदेश के अनुसार आगे बढ़ेंगे।
बनभूलपुरा में लाइन नंबर 17 में दो जगहों पर दुआएं चल रही है। एक जगह पर महिलाएं तो दूसरी तरफ पुरुष रब से अपने घरों को बचाने के लिए फरियाद कर रहे हैं। साथी लोगों को उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट से उनके हक में फैसला आएगा। दिन चढ़ने के साथ ही यहां भीड़ बढ़ती जा रही है। दूसरी तरफ मामले में सुनवाई शुरू हो गई है।
हल्द्वानी बनभूलपुरा के रेलवे अतिक्रमण मामले में आज बृहस्पतिवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। ऐसे में जहां प्रभावित क्षेत्र में देर रात तक दुआओं और तिलावत का सिलसिला चलता रहा, वहीं प्रशासन की नजर भी सुनवाई पर टिकी हुई है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद ही प्रशासन आगे की कार्रवाई करेगा। प्रभावितों को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली तो प्रशासन शुक्रवार से युद्धस्तर पर तैयारियां शुरू कर देगा।
बीती 20 दिसंबर को उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी में रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। इस पर प्रशासन तैयारियों में जुटा है। इस बीच दो जनवरी को प्रभावितों ने सुप्रीमकोर्ट में याचिका दाखिल की जिस पर पांच जनवरी को सुनवाई होनी है। बुधवार को दिन भर बनभूलपुरा क्षेत्र में जहां दुआओं और नमाज का सिलसिला रहा, वहीं सियासी माहौल भी गर्म रहा।
सपा के प्रतिनिधिमंडल ने प्रभावितों से वार्ता कर उच्चस्तर पर वार्ता का आश्वासन दिया। इस दौरान विभिन्न संगठनों ने बुद्ध पार्क में धरना दिया तो कई संगठनों ने राज्य सरकार व राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर प्रभावित के हक बेहतर कदम उठाने की मांग की। इधर, जिला प्रशासन और पुलिस ऐसे लोगों को चिह्नित कर रही है जो लोगों को अतिक्रमण हटाने के दौरान भड़का सकते हैं। इसे लेकर पुलिस विशेषाधिकार के तहत ऐसे लोगों के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगा सकती है।
सोशल मीडिया में चर्चित बिहार के पंकज श्रीवास्तव बुधवार को बनभूलपुरा के प्रभावितों से मिलने पहुंचे। उनका कहना है कि बनभूलपुरा की जमीनें यहां रहने वाले लोगों की हैं। रेलवे कभी 29 एकड़ तो कभी 78 एकड़ जमीन पर अपना दावा जता रहा है जबकि लोग आजादी से पहले से यहां बसे हुए हैं। आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर बनभूलपुरा वासियों को नहीं उजाड़े जाने की मांग की है।