देहरादून। प्रदेश में समूह-ग की भर्तियों का अभियान चला रहे उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 12 भर्तियों के अधियाचन लौटा दिए हैं। इनमें आरक्षण रोस्टर से लेकर सेवा नियमावली तक की गड़बड़ियां शामिल हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही सभी विभागों को निर्देश दिए थे कि वह भर्तियों के आधे-अधूरे अधियाचन आयोग को न भेजें।
राज्य लोक सेवा आयोग अभी तक पुलिस कांस्टेबल भर्ती, पटवारी-लेखपाल भर्ती, फॉरेस्ट गार्ड भर्ती और सहायक लेखाकार भर्ती के विज्ञापन जारी कर चुका है। 28 अक्तूबर को आयोग को सहायक लेखाकार और लेखा परीक्षक के कुल 891 पदों के लिए भर्ती का विज्ञापन जारी करना था, लेकिन इनमें से केवल सहायक लेखाकार के 661 पदों का विज्ञापन ही जारी किया गया।
लेखा परीक्षक का विज्ञापन इसलिए जारी नहीं हो पाया, क्योंकि इसके अधियाचन में खामियां होने की वजह से आयोग ने इसे लौटा दिया था। अब सही अधियाचन आने के बाद आयोग इसकी अलग से भर्ती निकालेगा।
राज्य लोक सेवा आयोग ने 16 भर्तियों का कैलेंडर जारी किया हुआ है। इसमें तमाम भर्तियां ऐसी हैं जो विभिन्न विभागों के एक जैसे पदों के लिए हैं। आयोग ने लेखा परीक्षक के अलावा विभिन्न विभागों में कनिष्ठ सहायक भर्ती का अधियाचन भी लौटाया है। इसमें कुछ कमियां हैं, जिन्हें इन विभागों को दूर करना होगा। कनिष्ठ सहायक भर्ती का विज्ञापन इसी महीने के अंतिम सप्ताह में जारी होना है।
इसके अलावा विभिन्न विभागों में पर्यावरण पर्यवेक्षक, प्रयोगशाला सहायक, मानचित्रकार, प्रारूपकार, अन्वेषक कम संगणक, सहायक सांख्यिकी अधिकारी, गन्ना पर्यवेक्षक, राजकीय दुग्ध पर्यवेक्षक, बागान पर्यवेक्षक जैसे कई अधियाचन किसी न किसी वजह से अधूरे हैं। आयोग ने कुल मिलाकर ऐसे 12 प्रस्तावों को विभागों को लौटाया है। राज्य लोक सेवा आयोग के पास भर्तियों के जो प्रस्ताव पहुंचे हैं, उनमें से ज्यादातर में आरक्षण की स्थित स्पष्ट नहीं है।
कई ऐसे हैं, जिनमें रिक्त पदों का आंकड़ा ही सही नहीं है। कुछेक ऐसे हैं, जिनकी सेवा नियमावली ही पद के हिसाब से अलग है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने समूह-ग की भर्तियों के लिए राज्य लोक सेवा आयोग को जिम्मेदारी देने के साथ ही सभी विभागों को पूरे अधियाचन भेजने के निर्देश दिए थे। उन्होंने साफ कहा था कि अधियाचनों की वजह से कोई भी भर्ती प्रक्रिया प्रभावित नहीं होनी चाहिए।