प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृह मंत्रियों के दो दिवसीय चिंतन शिविर को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने अपराध और अपराधियों पर नकेल कसने के लिए राज्यों के बीच निकट सहयोग की वकालत की और कहा कि सहकारी संघवाद ना सिर्फ संविधान की भावना है बल्कि यह केंद्र और राज्यों की जिम्मेदारी भी है।
इसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से पुलिस के लिए ‘‘एक राष्ट्र, एक वर्दी’’ का विचार भी रखा गया। हालांकि, प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं यह आप सभी पर थोपने की कोशिश नहीं कर रहा। इसके बारे में आप सोच सकते हैं। यह 5, 50 या 100 सालों में हो सकता है लेकिन हम इस पर विचार कर सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ तौर पर कहा कि इस कदम से देश भर में पुलिस की एक जैसी पहचान हो सकती है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से पुराने कानूनों की समीक्षा करने और आज के संदर्भ में उन्हें सुधारने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संविधान में भले कानून और व्यवस्था राज्यों का दायित्व है, लेकिन ये देश की एकता-अखंडता के साथ भी उतने ही जुड़े हुए हैं, हर एक राज्य एक दूसरे से सीखें, एक दूसरे से प्रेरणा लें।
मोदी ने कहा कि आजादी का अमृतकाल हमारे सामने हैं। आने वाले 25 वर्ष देश में एक अमृत पीढ़ी के निर्माण के हैं। ये अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ के संकल्पों को धारण करके निर्मित होगी। अमृत पीढ़ी ‘पंच प्राणों’ में मोदी ने बताया कि 1- विकसित भारत का निर्माण, 2- गुलामी की हर सोच से मुक्ति, 3- विरासत पर गर्व, 4- एकता और एकजुटता, 5- नागरिक कर्तव्य।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन पंच प्राणों का महत्व आप सभी भली भांति जानते हैं, समझते हैं। ये एक विराट संकल्प है, जिसको सिर्फ और सिर्फ सबके प्रयास से ही सिद्ध किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि कई बार केंद्रीय एजेंसियों को कई राज्यों में एक साथ जांच करनी पड़ती है, दूसरे देशों में भी जाना पड़ता है, इसलिए हर राज्य का दायित्व है कि चाहे राज्य की एजेंसी हो, चाहे केंद्र की एजेंसी हो, सभी एजेंसियों को एक-दूसरे को पूरा सहयोग देना चाहिए।