रुद्रपुर। अंधविश्वास के चलते रुद्रपुर निवासी एक महिला को भूत भगाने के लिए परिजन रुड़की के पिरान कलियर में एक झाड़-फूंक करने वाले के पास छोड़ गए। झाड़-फूंक करने वाले ने महिला के सिर पर डंडा मारकर उसको गंभीर रूप से घायल कर दिया। एम्स में उपचार के बाद ढाई महीने से महिला अपने परिजनों का इंतजार कर रही, लेकिन परिजन उसे अपनाने के लिए तैयार नहीं है।
बीती सात जुलाई को एक सामाजिक संस्था के कार्यकर्ता ने कलियर से रुद्रपुर निवासी महिला पुष्पा को एम्स में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया था। महिला के सिर पर गंभीर चोट लगने से वह बेहोशी की हालत में थी। पूछताछ में पता चला कि अंधविश्वास के चलते ऊधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर के वार्ड नंबर पांच निवासी पुष्पा के परिजन उसको झाड़-फूंक कराने के लिए रुड़की के पिरान कलियर छोड़ दिया था। मामले में स्थानीय पुलिस को भी शिकायत दी गई। बीच-बीच में महिला के ससुराल और मायके पक्ष के लोग एम्स में उसको देखने के लिए भी आए। लेकिन बाद में सभी ने अस्पताल आना बंद कर दिया।
महिला के स्वस्थ होने के बाद से उसका खाने और पहनने का खर्च एम्स के चिकित्सक और स्टाफ ही वहन कर रहा था। एम्स प्रशासन के बार-बार संपर्क करने के बाद भी परिजनों ने महिला की सुध नहीं ली। इसके बाद एम्स प्रशासन ने मामले में उत्तराखंड महिला आयोग को पत्र लिखा। उत्तराखंड महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए जिला अधिकारी देहरादून को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा और फोन पर वार्ता भी की।
जिलाधिकारी ने एसडीएम ऋषिकेश शैलेंद्र सिंह नेगी को मामले की जांच कर आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। एसडीएम शैलेंद्र सिंह नेगी बताया कि तहसील प्रशासन ने मामले की जांच की तो महिला के पति मनोज का नंबर बंद आया। इसके बाद तहसील प्रशासन ने महिला की भाभी से फोन पर संपर्क किया, लेकिन महिला के भाई ने उसकी देखभाल करने में असमर्थता जता दी।
एसडीएम ने बताया कि महिला का मायका नैनीताल जिले की कालाढूंगी तहसील के पूरनपुर गांव में है। एसडीएम ने जिला अधिकारी को आख्या प्रस्तुत करते हुए महिला को राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र में शिफ्ट कराने के लिए देहरादून के केदारपुरम स्थित नारी निकेतन की अधीक्षक को पत्र लिखा है।