
मुख्यमंत्री ने कहा कि बंड मेला केवल एक सांस्कृतिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को मजबूती प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण मंच है। इस मेले के माध्यम से किसान, कारीगर और हस्तशिल्पी अपने उत्पादों, हस्तशिल्प और स्थानीय वस्तुओं को प्रदर्शित कर रहे हैं, जिससे उन्हें व्यापक बाजार उपलब्ध हो रहा है। मेले में पर्यटन और उद्यमिता के विकास के साथ रोजगार और स्वरोजगार के अवसर भी सृजित हो रहे हैं। यहां राज्य की समृद्ध लोक संस्कृति की जीवंत झलक देखने को मिलती है। स्थानीय हस्तशिल्पियों द्वारा रिंगाल से निर्मित उत्पादों के साथ-साथ बुनकरों द्वारा बनाए गए परंपरागत उत्पाद भी इस मेले की विशेष पहचान हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ‘जन-जन की सरकार, जन-जन के द्वार’ अभियान के माध्यम से दूरस्थ क्षेत्रों की न्याय पंचायतों तक पहुंचकर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रही है। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे ऐसे सांस्कृतिक और सामाजिक आयोजनों में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता करें, ताकि राज्य की लोक परंपराएं और सांस्कृतिक विरासत सुदृढ़ हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की रजत जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक मेलों और उत्सवों को बढ़ावा देने के लिए ‘एक जिला-एक मेला’ को विकसित करने का आह्वान किया था। इस पहल से उत्तराखंड के विभिन्न क्षेत्रों में आयोजित होने वाले पारंपरिक मेलों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सकेगी, जिससे पर्यटन को भी एक नई दिशा प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान के तहत विकास कार्य प्रगति पर हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक और गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब तक रोपवे परियोजनाओं का निर्माण भी शीघ्र शुरू होने जा रहा है। इसके साथ ही ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के निर्माण से वर्षों पुराना सपना साकार होने जा रहा है, जिससे राज्य के विकास को नई गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत चमोली जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में 6251 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 51 हजार आवासों का सर्वे कार्य भी पूर्ण कर लिया गया है। इसके अलावा चमोली जिले में 13 हजार उज्ज्वला योजना के कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं, जिससे ग्रामीण परिवारों को स्वच्छ ईंधन की सुविधा मिल रही है।





