
लक्सर में हुए सनसनीखेज फायरिंग कांड के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश का कुख्यात हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी इस समय एम्स ऋषिकेश में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है और उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया है। एम्स के पीआरओ शीलॉय मोहंती ने बताया कि बुधवार देर रात सर्जरी कर विनय त्यागी के सीने से दो गोलियां निकाली गई थीं। विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उसकी लगातार निगरानी कर रही है।
इस बीच विनय त्यागी की बेटी तनवी भारद्वाज ने पुलिस और प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। अमर उजाला से दूरभाष पर बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पिता को पहले से ही जान का खतरा था, जिसकी जानकारी उन्होंने जेल प्रशासन और मजिस्ट्रेट को लिखित रूप में दी थी। रिमांड की तारीख पर अतिरिक्त सुरक्षा की मांग भी की गई थी, जिसे मजिस्ट्रेट ने स्वीकृति दी, लेकिन जमीनी स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर रही।
तनवी का आरोप है कि उनके पिता को केवल चार सिपाहियों के साथ एक ही वाहन में ले जाया गया और केवल नाकेबंदी तक सीमित सुरक्षा दी गई। लक्सर में जब अचानक गोलियां चलीं तो सुरक्षाकर्मी कार से उतरकर इधर-उधर हो गए और उनके पिता को वाहन के अंदर ही छोड़ दिया गया। उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए कहा कि इसी वजह से उनके पिता की जान आज खतरे में है।
बेटी ने इलाज में देरी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि दोपहर करीब 12:30 बजे हमला हुआ, लेकिन उनके पिता को तीन अलग-अलग अस्पतालों में घुमाया गया। आखिरकार रात 12:30 बजे एम्स ऋषिकेश में ऑपरेशन शुरू हुआ, यानी करीब 12 घंटे बाद सर्जरी की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि एंबुलेंस भी जानबूझकर बेहद धीमी गति से चलाई गई और इस संबंध में उनके पास जीओ-टैग वीडियो भी मौजूद है।
तनवी भारद्वाज ने यह भी कहा कि उन्होंने मजिस्ट्रेट के निर्देश पर अपने पिता का बयान दर्ज कराने की मांग की थी, लेकिन पुलिस ने यह कहकर टाल दिया कि विनय त्यागी बोलने की स्थिति में नहीं है। इस पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब वह एम्स में अपने पिता से मिलने पहुंचीं तो उन्होंने उन्हें पहचानते हुए बात की, ऐसे में यह कैसे माना जाए कि वह बयान देने की स्थिति में नहीं थे।
फिलहाल विनय त्यागी का इलाज जारी है और उसकी हालत नाजुक बनी हुई है। परिवार ने एक बार फिर सुरक्षा बढ़ाने की मांग करते हुए किसी भी अनहोनी की आशंका जताई है, जबकि पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल लगातार गहराते जा रहे हैं।





