
ऊधम सिंह नगर। रुद्रपुर के खेड़ा क्षेत्र में रविवार को प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ एक बड़ी अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई को अंजाम दिया। धार्मिक स्थल के नाम पर नगर निगम की करीब आठ एकड़ भूमि पर किए गए अवैध कब्जे को हटाते हुए पूरी जमीन को कब्जा मुक्त कर लिया गया। मुक्त कराई गई भूमि को तत्काल नगर निगम ने अपने अधिकार में लेकर उसकी घेराबंदी शुरू कर दी, जिससे भविष्य में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न दोहराया जा सके।
कार्रवाई की शुरुआत सुबह तब हुई जब डीएम नितिन सिंह भदौरिया और एसएसपी मणिकांत मिश्रा अधिकारियों की टीम के साथ मौके पर पहुंचे और क्षेत्र का निरीक्षण किया। प्रशासन की ओर से भूमि की पैमाइश कराई गई और उसके बाद अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी गई। पूरे ऑपरेशन की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और ड्रोन निगरानी का सहारा लिया गया, ताकि किसी भी विवाद की स्थिति में साक्ष्य उपलब्ध रहें।
घटना के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। पुलिस, पीएसी, होमगार्ड, पीआरडी, फायर और अन्य विभागों के कुल 350 से अधिक जवान मौके पर मौजूद थे। क्षेत्र को जाने वाली सड़कों पर बैरिकेडिंग कर दी गई थी और घरों की छतों पर भी सुरक्षा बल तैनात रहे, जिससे किसी भी प्रकार के विरोध या अव्यवस्था को रोका जा सके। वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
मेयर विकास शर्मा और विधायक शिव अरोरा भी मौके पर पहुंचे। मेयर शर्मा ने कहा कि धार्मिक स्थल की आड़ में कब्जाई गई करोड़ों की सरकारी जमीन को मुक्त कराकर प्रशासन ने लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त संदेश दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नगर निगम क्षेत्र में अतिक्रमण और लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई आगे भी तेज गति से जारी रहेगी। शर्मा ने बताया कि खेड़ा बस्ती में धार्मिक स्थल के लिए केवल दो एकड़ भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन उसकी आड़ में अवैध रूप से आठ एकड़ क्षेत्र पर कब्जा कर लिया गया था, जिसकी पुष्टि नगर निगम और जिला विकास प्राधिकरण द्वारा हालिया सर्वे में की गई।
विधायक शिव अरोरा ने कहा कि उन्होंने इस अवैध कब्जे की जानकारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भी दी थी। उनके अनुसार, ईदगाह के नाम पर कब्जाई गई इस सरकारी भूमि को मुक्त कराने के लिए लंबे समय से मांग उठाई जा रही थी। यह कार्रवाई अब तक के सबसे बड़े कदमों में से एक है और लैंड जिहाद के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उदाहरण स्थापित करती है।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि न्यायालय और जिला विकास प्राधिकरण के आदेशों के आधार पर यह संयुक्त कार्रवाई की गई। कुल आठ एकड़, यानी लगभग 32,375 वर्ग मीटर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। उनकी मानें तो कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल तैनात किए गए थे, जिससे पूरी कार्यवाही बिना किसी व्यवधान के संपन्न हो सकी।
अतिक्रमण हटाने की इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने साफ संकेत दिए हैं कि सरकारी भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भविष्य में भी ऐसी कार्रवाइयां जारी रहेंगी।




