
देहरादून। प्रदेश सरकार ने वन विभाग में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए वर्दी भत्ता दोगुना कर दिया है। प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु द्वारा जारी आदेश के अनुसार अब वन क्षेत्राधिकारी और उप वन क्षेत्राधिकारी को मिलने वाला वर्दी भत्ता 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है। यह फैसला उन कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने के उद्देश्य से लिया गया है, जो कठिन और जोखिम भरे वातावरण में काम करते हैं।
जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वन दरोगा, वन आरक्षी और जमादार को पहले की भांति सिलकर दी जाने वाली वर्दी हर तीन साल में उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं वर्दी धुलाई भत्ते में भी बड़ा संशोधन किया गया है। उप वन क्षेत्राधिकारी और वन क्षेत्राधिकारी को अब 45 रुपये प्रति माह के स्थान पर 300 रुपये प्रति माह का धुलाई भत्ता मिलेगा।
इसके अतिरिक्त वन दरोगा, वन आरक्षी और जमादार के धुलाई भत्ते को 30 रुपये से बढ़ाकर 200 रुपये मासिक कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि वर्दी संबंधित सुविधाओं में सुधार न केवल कर्मचारियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा, बल्कि उनकी कार्यक्षमता में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
वन क्षेत्रों में तैनात कर्मचारियों को जंगली जानवरों, वनाग्नि, भूस्खलन, भारी बारिश और बर्फबारी जैसे जोखिमों का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही वन तस्करों से भी लगातार खतरा बना रहता है। अत्यंत चुनौतीपूर्ण माहौल में कार्य करने वाले इन कार्मिकों की सुरक्षा और सुविधा के मद्देनजर सरकार लंबे समय से लंबित मांगों को स्वीकार करने की दिशा में आगे बढ़ी है।
इस निर्णय से वन विभाग के फील्ड स्टाफ में उत्साह और संतोष का माहौल बनने की उम्मीद है, क्योंकि यह वृद्धि सीधे उनके दैनिक कार्य और खर्च को राहत प्रदान करेगी। सरकार का कहना है कि भविष्य में भी कार्मिकों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अन्य सुविधाओं पर विचार किया जाएगा।




