
देहरादून। उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती के अवसर पर शुक्रवार को देहरादून पुलिस लाइन में भव्य रैतिक परेड का आयोजन किया गया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से परेड का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में पुलिस जवानों, एनसीसी कैडेट्स, होमगार्ड, स्काउट गाइड्स और सांस्कृतिक दलों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन कर अनुशासन और समर्पण का परिचय दिया। मुख्यमंत्री और राज्यपाल ने परेड की सलामी ली और उत्तराखंड के 25 वर्ष पूर्ण होने पर सभी नागरिकों, अधिकारियों और कर्मियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने संबोधन में कहा कि यह अवसर राज्य के गौरवशाली 25 वर्षों की यात्रा को याद करने का है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस के जवानों, कर्मचारियों, शिक्षकों और नागरिकों ने अपने-अपने स्तर पर राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों को भी नमन किया और कहा कि उत्तराखंड ने अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए देश के सशक्त राज्यों में अपनी अलग पहचान बनाई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाँ कठिन हैं, जहाँ चार धाम यात्रा, कावड़ यात्रा, कुंभ मेला जैसे बड़े आयोजन होते हैं और देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु आते हैं। इन सबके बीच राज्य की कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती रही है, लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने जनसेवा और अनुशासन का ऐसा उदाहरण प्रस्तुत किया है जिससे यह सिद्ध होता है कि ‘सेवा परमो धर्म’ केवल नारा नहीं बल्कि उनके जीवन का संकल्प है। उन्होंने गर्व के साथ बताया कि राज्य ने महिला अपराधों के निस्तारण में राष्ट्रीय औसत से दोगुनी सफलता प्राप्त की है और गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में उत्तराखंड देश में पाँचवें स्थान पर रहा है। इसके अलावा नीति आयोग के सतत विकास सूचकांक में भी प्रदेश ने देश में प्रथम स्थान हासिल किया है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि उत्तराखंड पुलिस ने आधुनिक पुलिस बल के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाई है। उन्होंने बताया कि साइबर अपराधों से निपटने के लिए राज्य में साइबर कमांडो तैयार किए गए हैं जिससे पुलिस बल की दक्षता में वृद्धि हुई है। राज्यपाल ने कहा कि 25 वर्षों में उत्तराखंड ने चार धाम से आगे बढ़कर वैश्विक वेलनेस, योग, आयुर्वेद और पर्यटन के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने मातृशक्ति के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि जल, जंगल और पहाड़ के संरक्षण में महिलाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है।
राज्यपाल ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज एआई के युग में उत्तराखंड के युवाओं को तकनीक की भाषा समझनी होगी ताकि वे विकसित भारत के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभा सकें। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों के उपयोग पर बल देते हुए कहा कि हमें अपने देश के उत्पादों को अपनाना चाहिए और उत्तराखंड को आने वाले वर्षों में देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने का संकल्प लेना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य के विकास से जुड़ी कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए राज्य में साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। ड्रग्स फ्री देवभूमि के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का विस्तार किया जाएगा। राजकीय विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के तहत भोजन माताओं के लिए कल्याण कोष बनाया जाएगा। किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए फार्म फेंसिंग पॉलिसी लाई जाएगी। पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण और पुनर्जीवन हेतु विशेष संवर्धन योजना चलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन स्किल कोर्सेज और प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे सिविल सर्विसेज, बैंकिंग, मैनेजमेंट, नीट आदि की तैयारी हेतु ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। साथ ही मानसखंड मंदिर माला मिशन की तर्ज पर केदारखंड मंदिर माला मिशन के विकास की भी घोषणा की गई। उन्होंने कहा कि आदर्श चंपावत की भांति आदर्श रुद्रप्रयाग जनपद का भी विकास किया जाएगा। पूर्णागिरि, शारदा कॉरिडोर, आदि कैलाश, अंजनीसेन और बेला केदार क्षेत्र को स्पिरिचुअल इकोनॉमिक जोन के रूप में विकसित किया जाएगा।
इसके अलावा प्रत्येक जिला अस्पताल में डायबिटीज के लिए विशेष क्लीनिक खोले जाएंगे और 15 वर्ष तक के बच्चों की डायबिटीज स्क्रीनिंग मुफ्त की जाएगी। कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी अधिकारियों, जवानों और नागरिकों के साथ उत्तराखंड के उज्जवल भविष्य के लिए सामूहिक संकल्प भी लिया।




