
हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर बुधवार को हरिद्वार में आस्था का अभूतपूर्व सैलाब उमड़ पड़ा। उत्तर भारत में भरी ठंड के बावजूद सुबह से ही श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए घाटों पर पहुंचने लगे। आधी रात से ही हरकी पैड़ी की ओर श्रद्धालुओं की आवाजाही शुरू हो गई थी, और ब्रह्म मुहूर्त में गंगा तट पर स्नान का शुभारंभ होते ही पूरा क्षेत्र हर-हर गंगे और बम-बम भोले के जयघोष से गूंज उठा।
कार्तिक पूर्णिमा स्नान को धार्मिक दृष्टि से अत्यंत पवित्र माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से सभी पापों का नाश होता है और व्यक्ति को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इसी आस्था के चलते लाखों श्रद्धालु देश के विभिन्न हिस्सों से हरिद्वार पहुंचे और हरकी पैड़ी समेत अन्य घाटों पर पवित्र गंगा में डुबकी लगाई। स्थानीय लोग और साधु-संत भी बड़ी संख्या में इस स्नान पर्व में शामिल हुए।
गंगा तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखते ही बनती थी। महिलाएं पारंपरिक वेशभूषा में स्नान कर दीपदान कर रही थीं, वहीं पुरुष भक्त गंगा जल से आचमन करते हुए भगवान विष्णु और शिव की आराधना में लीन थे। घाटों पर धर्मार्थ संस्थाओं और स्वयंसेवी संगठनों ने श्रद्धालुओं के लिए चाय, प्रसाद और गरम पानी की व्यवस्था भी की।
लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने व्यापक सुरक्षा प्रबंध किए। पूरे मेला क्षेत्र को 11 जोन और 36 सेक्टरों में विभाजित किया गया। हरकी पैड़ी से लेकर बाहरी पार्किंग क्षेत्रों तक पुलिस ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था की निगरानी की। घाटों पर जल पुलिस की छह टीमें तैनात की गई हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके। इसके साथ ही बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वायड और खुफिया इकाई के अधिकारी लगातार गश्त कर रहे हैं।
महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला घाटों पर विशेष पुलिस बल की तैनाती की गई है। पूरे मेला क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी स्थिति पर तुरंत नियंत्रण पाया जा सके। जिला प्रशासन ने यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी तैयार किए हैं।
धार्मिक आस्था से ओत-प्रोत वातावरण में हरिद्वार की हरकी पैड़ी आज देव दीपावली के उत्सव जैसा आलोकित दिखाई दी। श्रद्धालुओं ने दीप प्रवाहित कर गंगा आरती में भाग लिया और भगवान विष्णु, ब्रह्मा तथा महादेव की आराधना कर लोकमंगल की कामना की।




