
देहरादून। उत्तराखंड के लिए चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी खुशखबरी है। राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए प्रदेश के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में एमडी और एमएस की 58 नई सीटों को मंजूरी दे दी है। इससे विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे राज्य को बड़ी राहत मिलेगी।
सबसे खास बात यह है कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज को पहली बार अलग-अलग पाठ्यक्रमों में 35 नई पीजी सीटें मिली हैं। वहीं, देहरादून मेडिकल कॉलेज में 10 और हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में 13 सीटें बढ़ाई गई हैं।
वर्तमान में देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में कुल 174 पीजी सीटें उपलब्ध थीं। अब इन नई सीटों के जुड़ने से राज्य में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ेगी। फिलहाल अल्मोड़ा और हरिद्वार मेडिकल कॉलेजों में पीजी कोर्स की सुविधा नहीं थी।
इन सीटों में फार्माकोलॉजी, एनाटोमी, माइक्रोबायोलॉजी, ऑप्थल्मोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन, ऑर्थोपेडिक्स, जनरल मेडिसिन, पैथोलॉजी, कम्युनिटी मेडिसिन, ईएनटी, फिजियोलॉजी, एनास्थेसियोलॉजी, सर्जरी, बायोकैमिस्ट्री, गायनेकोलॉजी और पीडियाट्रिक्स जैसे विषय शामिल हैं। अब एमबीबीएस डॉक्टर इन विषयों में एमडी और एमएस की डिग्री प्राप्त कर सकेंगे।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। लक्ष्य है कि प्रत्येक राजकीय मेडिकल कॉलेज में कम से कम 100-100 पीजी सीटें हों।
नई मंजूरियों से उत्तराखंड के मेडिकल शिक्षा क्षेत्र में न केवल गुणवत्ता बढ़ेगी बल्कि ग्रामीण इलाकों तक विशेषज्ञ चिकित्सकीय सेवाएं पहुंचाने में भी मदद मिलेगी।




