
इंदौर | इंदौर में किन्नर समुदाय के बीच चल रहा विवाद अब खूनी रंजिश का रूप ले चुका है। करोड़ों की संपत्ति, डेरों पर कब्जा, धर्मांतरण और वसूली के इस जाल में अब तक कई हमले, हत्याएं और आत्महत्या के प्रयास हो चुके हैं। यह विवाद दो दशक पहले सपना गुरु और पायल (नईम अंसारी) के बीच शुरू हुआ था।
इस विवाद की जड़ साल 1999 में पड़ी, जब किन्नर सपना गुरु और पायल उर्फ नईम अंसारी के बीच गुटबाजी शुरू हुई। पायल मालेगांव से इंदौर आया था और उस पर आरोप लगा कि उसने किन्नरों के धर्मांतरण की प्रक्रिया शुरू की। सपना ने विरोध किया और अपना अलग गुट बना लिया। इसके बाद दोनों गुटों में तनाव लगातार बढ़ता गया।
⚰️ 2009 में पहला खूनी मोड़
साल 2009 में सपना और उसकी साथी दुर्गा हाजी ने पायल पर हमला करवाया। हमले में पायल की साथी मतीन की मौत हो गई और पायल को 9 गोलियां और 6 चाकू के वार लगे। पायल किसी तरह बच गई, लेकिन इसी के साथ यह विवाद “खूनी रंजिश” में बदल गया। हमले के आरोप में दुर्गा और अन्य को उम्रकैद हुई, जबकि सपना बच निकली और बाद में उसने इंदौर में अपना प्रभाव और बढ़ा लिया।
🕌 2025 में विवाद ने लिया धार्मिक रूप
इस साल मामला हिंदू और मुस्लिम किन्नरों के टकराव में बदल गया। सपना गुरु का आरोप है कि मालेगांव से आए मुस्लिम किन्नर पायल और सीमा हाजी किन्नरों का धर्म परिवर्तन करा रहे हैं और विरोध करने वालों को एचआईवी संक्रमित इंजेक्शन लगाकर बीमार कर रहे हैं। करीब 60 किन्नर बीमार हुए, जिसके बाद तनाव चरम पर पहुंच गया।
☠️ सामूहिक आत्महत्या का प्रयास
14 अक्टूबर 2025 को दो फर्जी पत्रकारों द्वारा किन्नरों के साथ दुष्कर्म की घटना सामने आई। इसके विरोध में 15 अक्टूबर को दो दर्जन किन्नरों ने फिनाइल पीकर आत्महत्या का प्रयास किया। यह घटना नंदलालपुरा क्षेत्र में हुई, जिससे प्रशासन में हड़कंप मच गया। पुलिस ने सपना गुरु को जेल भेजा और मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई।
🧿 अब राजनीति और अखाड़े की एंट्री
भाजपा नेताओं ने किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी को बुलाया ताकि विवाद सुलझाया जा सके। अब राज्य सरकार भोपाल से एक नई एसआईटी गठित करने पर विचार कर रही है जो इंदौर पुलिस की जांच की निगरानी करेगी।
💰 होलकरों की संपत्तियां बनीं विवाद की जड़
महाराजा यशवंतराव होल्कर ने किन्नरों को बसाने के लिए नंदलालपुरा में दो बड़े मकान और एक मस्जिद के लिए जगह दी थी। आज इन संपत्तियों की कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक बताई जा रही है। वहीं नंदलालपुरा और अन्य क्षेत्रों में किन्नरों के पास करीब 50 करोड़ की अतिरिक्त संपत्ति भी है। महंगे कपड़े, ज्वेलरी, लग्जरी कारें और बाउंसरों से घिरे डेरे इनकी शानो-शौकत दिखाते हैं।
💸 वसूली और डर का साम्राज्य
इंदौर के व्यापारी और निवासी किन्नरों की वसूली से त्रस्त हैं। त्योहारों, शादियों और मकान-दुकान बनने पर वे हजारों से लाखों रुपये तक की मांग करते हैं। इंकार करने पर मारपीट और अपमान आम बात है। स्थानीय बाजार एसोसिएशन कई बार पुलिस को शिकायत दे चुके हैं, लेकिन अब तक ठोस कार्रवाई नहीं हो सकी।







