
देहरादून | हरिद्वार में 2027 के कुंभ मेले की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बार श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और ठहरने की समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार ने कुंभ क्षेत्र में एक बड़े पैमाने पर अस्थायी शहर बसाने का निर्णय लिया है। यह शहर न केवल श्रद्धालुओं के ठहरने की सुविधा देगा, बल्कि प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्था को भी सुचारू रूप से संचालित करने में मदद करेगा। राज्य सरकार ने केंद्र को इस संबंध में प्रस्ताव भेजा है। इस अस्थायी शहर में थाना, अस्पताल, प्रशासनिक भवन, सूचना केंद्र और धार्मिक संस्थानों के कार्यालय भी बनाए जाएंगे। इसके अलावा श्रद्धालुओं के लिए सार्वजनिक आवास, कन्वेंशन हॉल और कैंप की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
अस्थायी शहर का ढांचा और व्यवस्थाएं
500 हेक्टेयर क्षेत्र में बसाया जाने वाला यह अस्थायी शहर 32 सेक्टरों में विभाजित होगा। हर सेक्टर में विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। इनमें से एक सेक्टर में 1000 लोगों की क्षमता वाला कन्वेंशन हॉल होगा। इसके अलावा पूरे शहर में 10 सार्वजनिक आवास परिसर बनाए जाएंगे, जिनमें 25,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था होगी। मेला सर्किट हाउस में 150 कैंप बनाए जाने का भी प्रस्ताव है, ताकि ठहरने में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
इस अस्थायी शहर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। प्रत्येक सेक्टर में एक स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल स्टाफ उपलब्ध होगा। पुलिस थाने और सुरक्षा केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा सूचना केंद्रों के माध्यम से श्रद्धालुओं को मेला और आसपास की गतिविधियों के बारे में नियमित जानकारी दी जाएगी।
स्वच्छता और सफाई के लिए तैयारियां
कुंभ मेले में स्वच्छता सबसे बड़ी चुनौती होती है। पिछले कुंभ में प्रतिदिन लगभग 280 मीट्रिक टन कचरा उत्पन्न हुआ था। इस बार अनुमान है कि 582 मीट्रिक टन प्रतिदिन कचरा उत्पन्न होगा। इसे देखते हुए राज्य सरकार ने 161.18 करोड़ रुपये के बजट के साथ विशेष स्वच्छता योजना तैयार की है। योजना के तहत 10 कांपैक्टर वाहन, 50 टिपर, 75 ई-रिक्शा और छह फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा शौचालय वाहनों, डस्टबिन, ट्रैश बूम इंटरसेप्टर, रिफ्यूज कॉम्पैक्टर, फॉगिंग मशीनें और घाट सफाई की मशीनें भी लगाई जाएंगी।
पर्याप्त मानव संसाधन की व्यवस्था भी की जाएगी ताकि कुंभ मेले में स्वच्छता और स्वास्थ्य व्यवस्था सुनिश्चित हो सके। सचिव कुंभ मेला, नितेश झा के अनुसार, “सभी व्यवस्थाएं इस तरह से की जा रही हैं कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। सुरक्षा, स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता दी जा रही है।” हरिद्वार कुंभ 2027 के लिए यह अस्थायी शहर न केवल धार्मिक आयोजन को सुचारू बनाने में सहायक होगा, बल्कि आधुनिक प्रशासनिक और स्वास्थ्य सुविधाओं का एक मॉडल भी पेश करेगा।