
फरीदाबाद | दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। फरीदाबाद के सेक्टर-4 स्थित पटेल नगर में रहने वाली 10 वर्षीय मासूम बच्ची ने अपने ही घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। बताया जा रहा है कि किसी बात को लेकर माता-पिता ने उसे डांटा था, जिसके बाद बच्ची ने यह खतरनाक कदम उठा लिया। फिलहाल बच्ची को गंभीर हालत में दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका उपचार जारी है।
घटना का विवरण
घटना बुधवार शाम की बताई जा रही है। पटेल नगर में किराये के मकान में रहने वाला एक दंपती अपने चार बच्चों के साथ बीते करीब 10 महीनों से रह रहा है। परिवार का सामान्य माहौल उस समय तनावपूर्ण हो गया जब किसी छोटी-सी बात को लेकर मां और पिता ने अपनी 10 वर्षीय बेटी को डांट दिया। परिजनों के मुताबिक, बच्ची ने डांट खाने के बाद गुस्से में आकर अपने कमरे में चली गई।
कुछ देर बाद कमरे के अंदर से कोई हलचल या आवाज सुनाई नहीं दी तो परिवार को चिंता हुई। जब दरवाजा खोला गया तो अंदर का दृश्य देखकर सबके होश उड़ गए — बच्ची पंखे से लटकी हुई थी। परिजनों ने तुरंत उसे नीचे उतारा और अस्पताल की ओर दौड़ पड़े।
अस्पताल में चल रहा इलाज
बच्ची को तुरंत बीके अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में रेफर कर दिया। फिलहाल बच्ची का इलाज वहीं चल रहा है।
पड़ोसियों ने बताया घटना का कारण
स्थानीय लोगों का कहना है कि बच्ची बहुत ही चंचल और शांत स्वभाव की थी। बुधवार को किसी मामूली गलती पर माता-पिता ने उसे डांटा था। यह किसी सामान्य घर के अनुशासन जैसा ही था, लेकिन बच्ची ने इसे दिल पर ले लिया और गुस्से में जाकर यह कदम उठा लिया।
एक पड़ोसी ने बताया, “हमने अचानक कमरे के अंदर से हलचल सुनी। जब परिवार वाले अंदर गए तो बच्ची पंखे से लटकी हुई थी। सब लोग जोर-जोर से चिल्लाने लगे। तुरंत उसे नीचे उतारकर अस्पताल ले जाया गया।”
पुलिस भी जुटी जांच में
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिवार से पूछताछ की। प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या के प्रयास का प्रतीत हो रहा है। हालांकि पुलिस यह भी जांच कर रही है कि बच्ची ने वास्तव में यह कदम अपनी मर्जी से उठाया या किसी तरह की लापरवाही या दबाव की वजह से ऐसा हुआ।
मानसिक दबाव पर उठते सवाल
10 साल की उम्र में ऐसी घटनाएं समाज के लिए गहरी चिंता का विषय हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएं बताती हैं कि आज के बच्चों में मानसिक दबाव बढ़ रहा है। परिवार और समाज को बच्चों के व्यवहार में छोटे-छोटे बदलावों पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि ऐसी नौबत दोबारा न आए।
फिलहाल बच्ची की हालत नाजुक
परिवार के सदस्य दिल्ली के अस्पताल में उसकी हालत पर लगातार नजर रखे हुए हैं। डॉक्टरों के मुताबिक बच्ची की स्थिति फिलहाल नाजुक बनी हुई है, हालांकि समय रहते पहुंचाई गई मदद से उसकी जान बचने की संभावना बनी हुई है।