
बिलासपुर | हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में मंगलवार शाम भूस्खलन से एक बड़ा हादसा हो गया। पहाड़ का एक हिस्सा टूटकर सड़क पर जा रही निजी बस पर गिर गया, जिससे बस पूरी तरह मलबे में दब गई। इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। राहत-बचाव टीमें देर रात तक मलबा हटाने में जुटी रहीं। मृतकों में एक ही परिवार के चार सदस्य भी शामिल बताए जा रहे हैं। दो छोटे बच्चे—आरुषि (10) और शौर्य (8)—को जीवित निकाल लिया गया है।
हादसे का दर्दनाक मंजर
हादसा मंगलवार शाम करीब 6:30 बजे बरठीं के भल्लू पुल के पास हुआ। जानकारी के अनुसार, कृष्णा ट्रांसपोर्ट की बस मरोतन से घुमारवीं जा रही थी। अचानक पहाड़ी से भारी चट्टानें और मलबा गिरा, जो सीधे बस की छत पर आ गिरा। मलबे के दबाव से बस की छत पूरी तरह उखड़ गई और बस खड्ड के किनारे जा गिरी। हादसे के तुरंत बाद बस में चीख-पुकार मच गई। पीछे से आ रहे वाहनों के चालकों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को सूचना दी। स्थानीय लोगों ने भी बचाव कार्य शुरू किया और मलबे से दो बच्चों को निकालकर अस्पताल भेजा।
एनडीआरएफ, पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमों ने जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर शवों को बाहर निकाला। हादसे में बस के चालक और परिचालक की भी मौके पर ही मौत हो गई।
बस में थे 35 यात्री
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बस में लगभग 35 लोग सवार थे। अधिकांश यात्री बरठीं, घुमारवीं और आसपास के गांवों के निवासी थे। देर रात तक शवों की पहचान की प्रक्रिया जारी थी। कई घायलों को गंभीर हालत में घुमारवीं और बिलासपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया। एसडीएम घुमारवीं गौरव चौधरी ने बताया कि बस को मलबे से निकाल लिया गया है और मृतकों की पहचान की जा रही है। रेस्क्यू कार्य पूरी रात जारी रहा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने जताया गहरा शोक
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस भीषण बस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा,
“राज्य सरकार इस कठिन घड़ी में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता दी जाएगी।”
उन्होंने प्रशासन को राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने और घायलों को तुरंत उपचार उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने शिमला से ही पूरे घटनाक्रम की निगरानी शुरू कर दी है।
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री मौके के लिए रवाना
हादसे की सूचना मिलते ही उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री कुल्लू दशहरा के कार्यक्रम को बीच में छोड़कर सीधे बिलासपुर रवाना हो गए। उन्होंने कहा कि राहत एवं बचाव कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
बीजेपी नेताओं ने जताया दुख
इस दर्दनाक हादसे पर भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार, सांसद सुरेश कश्यप और अभिनेत्री कंगना रनौत सहित कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद पीड़ादायक है, और केंद्र व राज्य की टीमें पीड़ितों की हरसंभव मदद के लिए तैयार हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर गहरा दुख जताया और सोशल मीडिया पर लिखा —
“हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में हुए हादसे से दुखी हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर घायलों को जल्द स्वस्थ करें।”
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी बयान के अनुसार,
- मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये
- घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने भी जताया दुख
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा —
“हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में भूस्खलन के कारण हुए बस हादसे से मन अत्यंत दुखी है। एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच चुकी हैं और बचाव कार्य में लगी हैं। जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने व्यक्त की संवेदना
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —
“हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण हुई बस दुर्घटना में कई लोगों की मृत्यु का समाचार अत्यंत दुखद है। अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करती हूं और घायल हुए लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
प्रियंका गांधी वाड्रा का बयान
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी एक्स पर लिखा —
“बिलासपुर में एक यात्री बस के भूस्खलन की चपेट में आने की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों की मृत्यु एवं कई के घायल होने का समाचार अत्यंत दुखद है। ईश्वर दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। राज्य सरकार पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और हर संभव मदद दी जा रही है।”
राहत कार्य जारी, मौसम बना चुनौती
प्रशासन ने बताया कि लगातार बारिश और पहाड़ी ढलानों में नमी के कारण राहत कार्यों में कठिनाई आ रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस टीमें मौके पर हैं और मलबा हटाने का काम जारी है। सड़क मार्ग अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है और पास के गांवों के लोगों को पहाड़ी से दूर रहने की सलाह दी गई है।