
देहरादून| पौड़ी गढ़वाल के श्रीकोट गांव में जंगली मशरूम खाने से हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को दहला दिया है। 70 वर्षीय महावीर सिंह, जो बीते तीन दिनों से देहरादून के महंत इंद्रेश अस्पताल में जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष कर रहे थे, आखिरकार गुरुवार को दम तोड़ गए। महावीर सिंह की पत्नी की मौत इसी घटना में 11 अगस्त को मौके पर ही हो गई थी।
कैसे हुआ हादसा
11 अगस्त को महावीर सिंह और उनकी पत्नी ने अपने गांव श्रीकोट में जंगल से तोड़े गए मशरूम की सब्जी खाई। ग्रामीणों के अनुसार, यह मशरूम बारिश के मौसम में जंगलों और खेतों के किनारे आसानी से उग आते हैं, लेकिन इनमें से कई प्रजातियां जहरीली होती हैं और सेवन के कुछ घंटों के भीतर घातक साबित हो सकती हैं।
भोजन के कुछ ही समय बाद दोनों की तबीयत बिगड़ने लगी—तेज उल्टी, पेट में मरोड़ और सिर चकराने की शिकायत हुई। हालत तेजी से गंभीर होने पर स्थानीय लोगों ने मदद की, लेकिन पत्नी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इलाज के लिए दौड़, पर बच न सके
महावीर सिंह को 12 अगस्त को गंभीर हालत में देहरादून के महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चिकित्सकों ने उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा, लेकिन मशरूम में मौजूद तेज़ विषाक्त तत्वों (टॉक्सिन्स) ने उनके लिवर और किडनी को बुरी तरह प्रभावित कर दिया। 14 अगस्त की रात उन्होंने अंतिम सांस ली।
पटेलनगर कोतवाली पुलिस को अस्पताल से मौत की सूचना दी गई। इसके बाद शव का पंचायतनामा भरकर पोस्टमार्टम कराया गया।
ग्रामीणों में डर और चिंता
घटना के बाद गांव और आसपास के क्षेत्रों में डर का माहौल है। लोग बरसात में उगने वाले जंगली मशरूम से परहेज करने की अपील कर रहे हैं। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने भी चेतावनी जारी की है कि किसी भी अनजान मशरूम या जंगली सब्जी का सेवन बिना विशेषज्ञ की पहचान के न करें।
ग्राम प्रधान ने बताया कि पिछले वर्षों में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, लेकिन इस बार एक ही परिवार में पति-पत्नी दोनों की जान जाने से लोग गहरे सदमे में हैं।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
चिकित्सकों का कहना है कि जंगली मशरूम में पाए जाने वाले अमैटॉक्सिन (Amatoxin) जैसे ज़हर शरीर के अंगों को तेजी से नष्ट कर सकते हैं। इनके लक्षण शुरुआत में सामान्य खाद्य विषाक्तता जैसे लगते हैं, लेकिन कुछ ही घंटों में स्थिति गंभीर हो सकती है। समय पर इलाज भी कई बार जान नहीं बचा पाता। स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की घोषणा की है, जिसमें खाद्य विषाक्तता से बचाव और जंगली मशरूम की पहचान के बारे में जानकारी दी जाएगी।