
रुड़की | उत्तराखंड के रुड़की शहर में देह व्यापार के संगठित गिरोह का बड़ा खुलासा हुआ है। श्रीनिवास होटल में शुक्रवार को मानव तस्कर विरोधी सेल और सिविल लाइंस कोतवाली पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में आठ महिलाओं समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गिरोह में शामिल आरोपियों पर कई राज्यों से लड़कियां लाकर होटल में देह व्यापार करवाने का आरोप है।
गुप्त सूचना पर हुई कार्रवाई
मानव तस्कर विरोधी सेल को गोपनीय सूचना मिली थी कि श्रीनिवास होटल में अवैध रूप से देह व्यापार का धंधा चल रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने जब होटल में छापा मारा, तो वहां हड़कंप मच गया। कमरों की तलाशी के दौरान आठ महिलाएं और पांच पुरुष पकड़े गए, जिनमें से कई उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों से हैं।
इन राज्यों से लाई जा रही थीं महिलाएं
पुलिस के अनुसार, गिरफ्तार की गई महिलाएं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश (लखनऊ) और असम जैसी जगहों से लाई गई थीं। इन्हें गिरोह के सदस्य झांसा देकर, लालच या मजबूरी का फायदा उठाकर रुड़की लाते थे और होटलों में “सप्लाई” करते थे। गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और कई होटलों से जुड़ा हुआ नेटवर्क खड़ा कर चुका था।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
कोतवाली प्रभारी मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि गिरोह के प्रमुख सदस्यों में शामिल हैं:
- राजा उर्फ रांझा, निवासी पाड़ली गुज्जर, रुड़की
- हैदर अली, निवासी पूर्वी अंबर तालाब, रुड़की
- सिद्धांत, निवासी ग्राम पोड़ोवाली, बालावाली, लक्सर
- रविकांत, निवासी ग्राम लखनौता, थाना झबरेड़ा
- लक्की, निवासी असद रोड, मॉडल टाउन, पानीपत (हरियाणा)
इनके अलावा आठ महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने इन सभी के आपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
छह साल से सक्रिय था गिरोह
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि राजा उर्फ रांझा अपने अन्य साथियों निक्की, कल्लू और दीपक के साथ मिलकर करीब छह वर्षों से यह अवैध धंधा चला रहा था। ये लोग हरियाणा, दिल्ली, असम, यूपी और अन्य राज्यों से लड़कियां लाकर उन्हें रुड़की के विभिन्न होटलों में भेजते थे। आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी, अनैतिक देह व्यापार और संगठित अपराध की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
होटल संचालक की भूमिका भी संदिग्ध
जांच में यह बात भी सामने आई है कि होटल प्रबंधन को इस पूरे अवैध धंधे की जानकारी थी, और वे संभवतः इसमें सहभागी या लाभार्थी थे। पुलिस होटल के मालिक और कर्मचारियों से भी पूछताछ कर रही है और संबंधित दस्तावेज़ खंगाले जा रहे हैं। यदि उनकी संलिप्तता पाई जाती है तो उन पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।
आगे की कार्रवाई
- गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी जाएगी।
- साइबर सेल को भी जांच में शामिल किया गया है ताकि गिरोह की ऑनलाइन गतिविधियों, पेमेंट ट्रेल और नेटवर्किंग का भी पता चल सके।
- बाल कल्याण और महिला संरक्षण विभागों को भी सूचना दी गई है ताकि पीड़ित महिलाओं की पहचान और पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू की जा सके।