
देहरादून | उत्तराखंड सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अब मसूरी घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए भी ऑनलाइन पंजीकरण को अनिवार्य कर दिया है। यह व्यवस्था 01 अगस्त से लागू कर दी गई है। चारधाम यात्रा और हेमकुंड साहिब के उदाहरणों को ध्यान में रखते हुए, मसूरी जैसे लोकप्रिय हिल स्टेशन पर भी पर्यटकों की बढ़ती भीड़ और सुरक्षा के मद्देनज़र यह कदम उठाया गया है।
🏞️ क्यों जरूरी है पंजीकरण?
राज्य के पर्यटन सचिव धीरज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस नई व्यवस्था से मसूरी में आने वाले पर्यटकों की यथार्थ संख्या का मूल्यांकन संभव होगा। इससे पर्यटन विभाग को:
- पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।
- आपात स्थितियों में त्वरित राहत और बचाव कार्य करना संभव होगा।
- किसी भी अव्यवस्था या भीड़भाड़ से पहले ही निपटना आसान होगा।
📱 कैसे करें पंजीकरण?
पर्यटन विभाग ने इसके लिए एक डिजिटल पोर्टल शुरू किया है। पर्यटक मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से यात्रा से पहले ही पंजीकरण कर सकेंगे। इस पोर्टल पर:
- नाम, पता, यात्रा की तिथि,
- कितने लोग साथ में हैं,
- वाहन नंबर इत्यादि विवरण भरना होगा।
🛡️ सीएम धामी का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पंजीकरण व्यवस्था को पर्यटकों की सुविधा और सुरक्षा के लिहाज़ से एक ‘ज़रूरी और दूरदर्शी कदम’ बताया। उन्होंने कहा:
“मैं बार-बार कहता हूं कि सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। पर्यटकों की भीड़ नियंत्रित करना और किसी आपदा के समय त्वरित राहत देना हमारी जिम्मेदारी है। इस पंजीकरण प्रणाली से हम हर परिस्थिति के लिए बेहतर तैयार रहेंगे।”
🔜 आगे क्या?
पर्यटन सचिव गर्ब्याल ने संकेत दिए कि भविष्य में राज्य के अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों—जैसे नैनीताल, औली, केदारकांठा आदि—में भी इस तरह की पंजीकरण प्रणाली लागू की जा सकती है।