
वाराणसी | यात्रियों को ओवरचार्जिंग और फूड क्वालिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाने के लिए भारतीय रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। अब प्लेटफॉर्म और ट्रेनों में केवल उन्हीं वेंडरों को खानपान सामग्री बेचने की अनुमति होगी जिनके पास रेलवे द्वारा अधिकृत क्यूआर कोड आधारित पहचान पत्र होगा।
बिना QR ID अब एंट्री नहीं
रेलवे ने सभी अधिकृत वेंडरों के लिए क्यूआर कोड वाला पहचान पत्र अनिवार्य कर दिया है। इस पहचान पत्र को स्कैन करने पर वेंडर का पूरा विवरण – नाम, आधार संख्या, मेडिकल फिटनेस, वेरिफिकेशन की तारीख, और ड्यूटी स्टेशन – तुरंत सामने आ जाएगा। नए नियमों के अनुसार कोई भी वेंडर बिना इस पहचान पत्र के स्टेशन या ट्रेन में खाद्य सामग्री नहीं बेच सकेगा।
क्यों उठाया गया यह कदम?
रेलवे के अनुसार यात्रियों की लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि
- वेंडर निर्धारित मूल्य से अधिक वसूलते हैं
- कई वेंडरों के पास कोई पहचान नहीं होती
- दुर्व्यवहार और नकली उत्पाद बेचे जाते हैं
- बाहरी वेंडर अवैध रूप से ट्रेन में प्रवेश कर रहे हैं
इन सभी समस्याओं को खत्म करने के लिए यह डिजिटल पहचान प्रणाली लागू की जा रही है।
150 से अधिक वेंडर होंगे कवर
वाराणसी जंक्शन और जिले के अन्य स्टेशनों पर फिलहाल 150 से अधिक अधिकृत वेंडर कार्यरत हैं। रेलवे अब इन्हें क्यूआर कोड पहचान पत्र प्रदान कर रहा है, जिसे
- स्टेशन अधीक्षक
- स्टेशन मैनेजर
- आईआरसीटीसी अधिकारी
या उनके अधिकृत प्रतिनिधि जारी करेंगे।
RPF और IRCTC रखेंगे निगरानी
इस योजना की निगरानी रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) करेंगे। ट्रेन या प्लेटफॉर्म पर अनधिकृत वेंडरों की मौजूदगी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।