
देहरादून | उत्तराखंड के ग्रामीण जन-जीवन में आज लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण परीक्षा का दिन है। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान राज्य के 10 जिलों के 40 विकासखंडों में जारी है। प्रदेशभर के गांवों में ‘छोटी सरकार’ बनाने को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। बारिश और खराब मौसम भी मतदाताओं की प्रतिबद्धता को नहीं डिगा सका। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार दूसरे चरण में 21,57,199 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 10,45,643 महिलाएं, 11,11,490 पुरुष और 66 अन्य मतदाता शामिल हैं। कुल 4431 मतदान केंद्रों पर पोलिंग पार्टियां तैनात हैं, जहां सुबह 8 बजे से मतदान शुरू हुआ है और यह शाम 5 बजे तक जारी रहेगा।
प्रवासियों की भागीदारी और महिलाओं का बढ़ता नेतृत्व
चुनावों में एक खास पहलू यह देखने को मिला कि बड़ी संख्या में प्रवासी मतदाताओं ने भी ‘मेरा गांव, मेरा वोट’ की भावना के साथ घर लौटकर मतदान में हिस्सा लिया। विशेषज्ञों का मानना है कि इन प्रवासी मतदाताओं का झुकाव कई स्थानों पर ग्राम प्रधान और पंचायत सदस्यों की जीत-हार में निर्णायक साबित हो सकता है। पहले चरण की तरह इस बार भी महिलाओं में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला है। राज्य निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार पहले चरण में महिला मतदाता पुरुषों से कहीं आगे रहीं – पुरुषों का मतदान प्रतिशत 63% रहा जबकि महिलाओं ने 73% मतदान किया। इससे यह साफ है कि ग्रामीण राजनीति में महिलाओं की भागीदारी और प्रभाव दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं।
बारिश बनी बाधा, फिर भी नहीं रुका जनसैलाब
पौड़ी, टिहरी और चमोली जिलों में सुबह से ही बारिश की हल्की फुहारें पड़ रही थीं, बावजूद इसके मतदाताओं की कतारें मतदान केंद्रों पर लगातार बढ़ती रहीं। पौड़ी के जयहरीखाल, द्वारीखाल और कोट ब्लॉकों में मतदान केंद्रों के बाहर छाते लेकर खड़े ग्रामीणों में लोकतांत्रिक भागीदारी को लेकर उत्साह स्पष्ट रूप से देखा गया। डोईवाला और देहरादून के रायपुर विकासखंड में भी मतदाता बूंदाबांदी के बीच घरों से निकलकर मतदान करते देखे गए। उत्तरकाशी के डुंडा, चिन्यालीसौड़ और भटवाड़ी में प्रशासन ने कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं और मतदान पूरी पारदर्शिता के साथ शांतिपूर्वक जारी है।
मुख्यमंत्री ने किया मतदान का आह्वान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों से पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था ग्रामीण विकास की नींव है और इसमें प्रत्येक मतदाता की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण है। मुख्यमंत्री ने युवाओं, महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों से विशेष रूप से अपील की कि वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग करें।
इन जिलों में हो रहा मतदान
दूसरे चरण का मतदान अल्मोड़ा, ऊधमसिंह नगर, चंपावत, पिथौरागढ़, नैनीताल, उत्तरकाशी, चमोली, टिहरी, देहरादून और पौड़ी जिलों के चुनिंदा विकासखंडों में हो रहा है। पहले चरण में बागेश्वर और रुद्रप्रयाग के सभी विकासखंडों में मतदान संपन्न हो चुका है।
प्रमुख मतदान क्षेत्र:
- अल्मोड़ा: सल्ट, स्याल्दे, भिकियासैंण
- यूएसनगर: रुद्रपुर, जसपुर, काशीपुर
- चंपावत: चंपावत, बाराकोट
- पिथौरागढ़: बेरीनाग, मूनाकोट, गंगोलीहाट
- नैनीताल: हल्द्वानी, रामनगर, भीमताल
- चमोली: कर्णप्रयाग, गैरसैंण, दशोली
- देहरादून: डोईवाला, रायपुर, सहसपुर
- पौड़ी: यमकेश्वर, जयहरीखाल, दुगड्डा
उत्तराखंड के पंचायत चुनाव सिर्फ स्थानीय निकायों के चुनाव नहीं हैं, बल्कि ये गांव की लोकतांत्रिक चेतना और विकास की दिशा तय करते हैं। जहां एक ओर इन चुनावों में मतदाता जागरूकता की मिसाल पेश कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन की ओर से सुरक्षा और सुचारू प्रक्रिया के लिए बेहतर तैयारी की गई है।
बारिश, दूर-दराज के गांव, और पहाड़ी दुश्वारियों के बावजूद अगर लाखों ग्रामीण लोकतंत्र के इस उत्सव में शामिल हो रहे हैं, तो यह संकेत है कि पंचायत स्तर पर राजनीतिक चेतना और सामाजिक जिम्मेदारी दोनों ही अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच रही हैं।
अब सबकी नजर इस पर टिकी है कि तीसरे चरण में यह जोश और मतदान प्रतिशत किस ऊंचाई तक जाएगा।